इस सवाल के जवाब में एक लिखित उत्तर में, मंत्री ने कहा कि ‘प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) और फ्यूजिटिव इकोनॉमिक अफेंडर्स एक्ट 2018 (FEOA) के तहत प्रावधान है कि अपराधों की सुनवाई कर कोर्ट मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल किसी भी संपत्ति को वैध तरीके से दावेदार को लौटा सकती है जिनमें बैंक भी शामिल है। अततः 15 मार्च, 2022 तक तीनों भगोड़ों की कुल 19,111.20 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति को जब्त किये जा चुके हैं जिनमें से 15,113.91 करोड़ रुपये की संपत्ति सरकारी बैंकों को दी जा चुकी है। करीब 335.06 करोड़ रुपये की संपत्ति केंद्र सरकार के कब्जे में है।’
बता दें कि वर्तममान में विजय माल्या लंदन में हैं जबकि मेहुल चौकसी और नीरव मोदी एंटीगुआ की नागरिकता लेकर वहीं रह रहे हैं। भारत सरकार ने विदेशी अदालतों में भी इनके खिलाफ मामले दर्ज करवा चुकी है।