अमरीका-फ्रांस का निर्यात बढ़ा, रूस और चीन का घटा
वैश्विक स्तर पर देखें तो अमरीका अब भी दुनिया का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश बना हुआ है। पिछले पांच सालों में अमरीका का हथियारों का एक्सपोर्ट 17 फीसदी बढ़ा है और वैश्विक निर्यात में उसकी हिस्सेदारी 34 फीसदी से बढ़कर 42 फीसदी हो गई है। हालांकि रूस और यूक्रेन की जंग के बाद रूस की वैश्विक हथियार निर्यात में हिस्सेदारी 11 फीसदी रह गई है, जो कि 2014-18 के बीच 22 फीसदी थी। लिहाजा रूस हथियार बेचने में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है। अमरीका पहले और 11 फीसदी वैश्विक हिस्सेदारी के साथ फ्रांस दूसरे स्थान पर काबिज है। पांच साल पहले फ्रांस की हिस्सेदारी 7.2 फीसदी थी। चौथे स्थान पर चीन है, जिसकी वैश्विक हथियार निर्यात में हिस्सेदारी 5.8 है। हालांकि पिछले पांच साल में इसमें 5.3 फीसदी की गिरावट देखी गई है।
फ्रांस का हथियारों का निर्यात 5 साल में 47 फीसदी बढ़ा
फ्रांस का हथियार निर्यात 2014-18 और 2019-23 के बीच 47 फीसदी बढ़ा है। फ्रांस के हथियार का सबसे बड़ा खरीदार भारत रहा। फ्रांस के कुल निर्यात का करीब 30 फीसदी हथियार भारत ने खरीदे। हाल के समय में भारत ने फ्रांस से राफेल फाइटर जेट खरीदे हैं। वहीं, रूस का वैश्विक हथियार निर्यात 2014-18 और 2019-23 के बीच 53 फीसदी तक गिर गया है। 2019 में जहां रूस ने 31 देशों को हथियार बेचे थे, 2023 में सिर्फ 12 देशों ने रूसी हथियार खरीदे। रूस के हथियारों में 34 फीसदी भारत ने खरीदे।
भारत बन गया सबसे बड़ा खरीदार
पांच सालों के हथियार खरीद पर गौर करें तो भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है। 2014-18 और 2019-23 के बीच भारत का हथियार आयात 4.7 फीसदी बढ़ा। 9.8 फीसदी हथियार आयात के साथ भारत दुनिया में पहले नंबर पर है। गिरावट के बाद भी भारत ने रूस से ही सबसे ज्यादा हथियार खरीदे। भारत के कुल हथियार आयात का यह 36 फीसदी रहा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 1960-64 के सोवियत समय के बाद यह पहली बार है जब भारत के हथियार आयात में रूस की हिस्सेदारी 50 फीसदी से कम रही।
कंगाली में भी पाकिस्तान ने खरीदे हथियार
आटे दाल की किल्लत, रसोई गैस, पेट्रोल के आसमान छूते दाम, महंगाई और खत्म हो चुके विदेशी मुद्रा भंडार के बावजूद पाकिस्तान हथियार खरीदने में पीछे नहीं रहा है। रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के हथियार खरीदने में 43 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। माना जा रहा है कि पाकिस्तान को जो आर्थिक मदद या कर्ज आईएमएफ या अन्य माध्यमों से प्राप्त होती है, उस राशि का बड़ा उपयोग वह हथियारों को खरीदने में कर देता है। भारत ने इस बारे में अंतरराष्ट्रीय बैंकों को आगाह भी किया है। 2019-23 में पाकिस्तान दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा हथियार आयातक रहा। सबसे ज्यादा 82 फीसदी हथियार पाकिस्तान ने चीन से खरीदे।