अदालत में दायर हुई दो सौ से अधिक याचिकाएं
इस कानून का उद्देश्य गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को तेजी से नागरिकता प्रदान करना है, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए थे। 2019 से शीर्ष अदालत में दायर दो सौ से अधिक संबंधित याचिकाओं में विभिन्न सीएए प्रावधानों को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट 19 मार्च को याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
सीएए समानता के अधिकार के खिलाफ है- ओवैसी
ओवैसी का तर्क है कि मोदी सरकार का कानून संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि चार साल पहले मोदी सरकार द्वारा बनाया गया यह कानून संविधान के खिलाफ है। आप धर्म के आधार पर कानून नहीं बना सकते। इस पर सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले हैं। सीएए समानता के अधिकार के खिलाफ है।