बंगाल में चुनाव के बढ़ते चरण के साथ बढ़ाई जा रही है सिक्योरिटी, जानें सूबे में क्यों तैनात करने पड़ें CAPF के जवान
West Bengal: राज्य में पांचवें चरण में मतदान के लिए निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या चौथे चरण की तुलना में थोड़ी कम है। इसके बावजूद यहां सीएपीएफ की अतिरिक्त तैनाती की जा रही है।
सोमवार को लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के दौरान पश्चिम बंगाल के विभिन्न इलाकों से सामने आ रही तनाव की खबरों को देखते हुए भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने 20 मई को होने वाले पांचवें चरण के मतदान में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों की तैनाती को लगभग 32 प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया है। पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि सोमवार को पश्चिम बंगाल में सीएपीएफ की 578 कंपनियां तैनात की गईं और पांचवें चरण में 31.83 प्रतिशत की वृद्धि के साथ यह संख्या 762 हो जाएगी।
पोलिंग बूथ कम लेकिन सिक्योरिटी ज्यादा सूत्रों ने कहा कि राज्य में पांचवें चरण में मतदान के लिए निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या चौथे चरण की तुलना में थोड़ी कम है। इसके बावजूद यहां सीएपीएफ की अतिरिक्त तैनाती की जा रही है। चौथे चरण में जहां आठ निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हुआ, वहीं पांचवें चरण में यह संख्या सात है। ये सात निर्वाचन क्षेत्र हुगली जिले में सेरामपुर, हुगली और आरामबाग, उत्तर 24 परगना जिले में बैरकपुर और बनगांव और हावड़ा जिले में हावड़ा और उलुबेरिया हैं। इन सात निर्वाचन क्षेत्रों में से बैरकपुर और बनगांव अलग-अलग कारणों से चुनाव आयोग की विशेष निगरानी में होंगे।
बैरकपुर में रहा है चुनावी हिंसा का इतिहास बता दें कि बनगांव भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती निर्वाचन क्षेत्र है। वहीं, बैरकपुर में चुनाव संबंधी हिंसा और तनाव का इतिहास रहा है। सीईओ कार्यालय के एक सूत्र ने कहा, ”यह चरणबद्ध तरीके से तैनात की जाने वाली सीएपीएफ की कंपनियों की संख्या बढ़ाने की आयोग की योजना के अनुरूप है।”
अगले चरण का चुनाव TMC के लिए परेशानी भरा पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने सोमवार को मतदान के अंत में कहा कि अगले चरण के चुनाव में चुनाव आयोग द्वारा सुरक्षा घेरा कड़ा कर दिया जाएगा। अधिकारी ने कहा, “अगर चुनाव आयोग ने इसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था बरकरार रखी तो अगले चरण का चुनाव तृणमूल कांग्रेस के लिए और ज्यादा परेशानी से भरा होगा।”