अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा, “दिल्ली के बाद पंजाब और अब गोवा में भी आम आदमी पार्टी को मान्यता प्राप्त राज्य स्तरीय पार्टी है। एक और राज्य में मान्यता प्राप्त मिलती है, तो हमें आधिकारिक तौर पर “राष्ट्रीय पार्टी” घोषित किया जाएगा।”
इसके साथ ही केजरीवाल ने चुनाव आयोग की तरफ से मिले पत्र को भी शेयर किया है। इसमें लिखा गया है कि “दिल्ली और पंजाब के बाद गोवा के विधानसभा चुनाव 2022 में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन ने इलेक्शन सिंबल (Reservation and Allotment) order, 1968 के पैरा 6A के तहत गोवा में राज्य स्तरीय पार्टी के रूप में दर्जे की शर्तों को पूरा किया है। इसलिए आयोग ने आम आदमी पार्टी को गोवा में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा दिया है।”
अब आम आदमी पार्टी की नजर गुजरात पर है जहां इस वर्ष चुनाव होने हैं। इन चुनावों में यदि ये पार्टी बेहतर प्रदर्शन करती है और अपनी उपस्थिति दर्ज करा पाती है तो इसे एक और राज्य में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त कर लेगी। फिलहालआम आदमी पार्टी के पास लोकसभा की एक भी सीट नहीं है।
1. राष्ट्रीय दल
2. राज्य स्तरीय दल
3. क्षेत्रीय दल
कोई भी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा रभी प्राप्त कर सकती है जब वो भारत के निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित कुछ शर्तों को पूरा करती है। इसमें तीन शर्तें हैं जिनमें से कम से कम एक को पूरा करने के बाद ही किसी पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा मिलता है।
1. चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त पार्टी, जो चार या उससे अधिक राज्यों में लोकसभा या विधानसभा चुनाव में कुल वोटों का कम से कम 6% वोट प्राप्त करे, या विधानसभा में कम से कम तीन सीटें प्राप्त करे, या
2. कोई भी मान्यता प्राप्त पार्टी यदि लोकसभा चुनाव में 3 राज्यों के दो फीसद सीटें जीतती है, या
3. चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त पार्टी को चार या चार से अधिक राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी के रूप में मान्यता मिलने पर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलता है।
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देश में कुल 7 राष्ट्रीय दल हैं:1. बीजेपी
2. कांग्रेस
3. बहुजन समाज पार्टी (BSP)
4. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI)
5. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM)
6. नेशलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP)
7. तृणमूल कांग्रेस पार्टी (2016 में दर्जा प्राप्त हुआ था)
एक राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त होने का मतलब है कि एक पार्टी देश भर से चुनाव लड़ने वाले अपने उम्मीदवारों के लिए एक रिजर्व चुनाव चिन्ह की हकदार होती है। इससे देशभर में पार्टियों की पहुँच और मजबूत होती है क्योंकि अधिकतर वॉटर्स वोट देने के लिए चुनाव चिन्ह को ही महत्व देते हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी के लिए अन्य राज्यों में वॉटर्स तक अपनी पहुँच को बनाना और आसान हो जाएगा जो 2024 के आम चुनावों के लिए बड़े विकल्प के तौर पर खुद को उठाने में जुटी हुई है। इससे कांग्रेस को आम आदमी पार्टी से सबसे अधिक खतरा है क्योंकि विपक्ष के रूप में AAP एक बड़े विकल्प के तौर पर खुद को पेश कर सकता है। जिस तरह से पंजाब में कांग्रेस का सफाया किया है और गुजरात में कांग्रेस को पीछे छोड़ रही है वो कांग्रेस के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
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