इसके साथ ही देश को पहला स्मॉग टॉवर मिल गया है। इस स्मॉग टावर ने काम करना भी शुरू कर दिया है। दिल्ली सरकार ने इस टॉवर को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया है। यह प्रोजेक्ट सफल रहता है तो आने वाले समय में दिल्ली के लोगों को ऐसे ही और स्मॉग टावर देखने को मिल सकते हैं।
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दिल्ली से अयोध्या तक Bullet Train से कर सकेंगे सफर, 320 किमी की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन प्रदूषण की परेशानी से जूझ रहे दिल्लीवासियों को बड़ी राहत मिल सकती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले स्मॉग टॉवर का उद्घाटन किया है। सीएम केजरीवाल ने कहा है कि यह अपने आप में नई तकनीक है। इस तकनीक को अमरीका से इम्पोर्ट किया गया है।
दिल्ली सरकार ने अपनी वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) के खिलाफ जंग को और तेज करने के लिए कनॉट प्लेस में स्मॉग टॉवर (Smog Tower) बनवाया है। खास बात यह है कि देश में इस तरह का यह पहला टॉवर है।
इस तरह करेगा काम
यह स्मॉग टॉवर दूषित हवा को अपने अंदर खीचेंगा और साफ हवा को छोड़ेगा। यही नहीं, यह स्मॉग टॉवर तकरीबन एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की प्रदूषित हवा को अपने अंदर लेकर साफ हवा की आपूर्ति भी करेगा।
एक नजर आंकड़ों पर
– 24 मीटर है स्मॉट टॉवर की ऊंचाई
– 01 सेकंड में 1000 क्यूबिक मीटर हवा को साफ करेगा टॉवर
– 40 फैन इन स्मॉग टॉवर में लगाए गए हैं
– 5000 एयर फिल्टर भी टॉवर में लगाए गए
यह भी पढ़ेंः केजरीवाल का एलान, इस राज्य में कर्नल अजय कोठियाल होंगे सीएम पद के उम्मीदवार IIT करेगा डेटा का एनालिसिसदिल्ली के कनॉट प्लेस में लगे पहले स्मॉग टॉवर की निगरानी आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बॉम्बे करेगा। आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बॉम्बे को इस टॉवर के डेटा के एनालिसिस करने की जिम्मेदारी दी गई है।
इस एनालिसिस से इस बात का पता लगाया जाएगा कि ये स्मॉग टॉवर कितना प्रभावी है। अगर यह अधिक प्रभावी रहा तो इसके रिजल्ट के आधार पर ही राजधानी में स्मॉग टावर्स लगाए जा सकते हैं।