अलग अगल रेजिमेंट की परेड और झांकियां
हर साल 15 जनवरी को जवानों के दस्ते और अलग-अलग रेजिमेंट की परेड होती है। इनकी झांकियां निकाली जाती हैं। सेना दिवस को हर साल बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। भारतीय सेना को दुनिया की सबसे ताकतवर सेना में से एक माना जाता है। गोलाबारूद-हथियारों के मामले में भारतीय सेना दुनिया में चौथे स्थाना पर आती है। भारतीय सेना के पास सटीक अग्नि और पृथ्वी बैलिस्टिक मिसाइलें हैं।
15 जनवरी को ही क्यों होता है आर्मी डे
फील्ड मार्शल केएम करियप्पा को आजाद भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख 15 जनवरी, 1949 को नियुक्त किया गया था। यह भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। 15 जनवरी को हर साल भारतीय सेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है। जब करियप्पा सेना प्रमुख बने तो उस समय भारतीय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे। करियप्पा साल 1953 में रिटायर हो गए थे और 94 साल की उम्र में साल 1993 में उनका निधन हुआ था।
आज से नई लड़ाकू वर्दी में दिखेंगे हमारे जवान, सेना दिवस पर थलसेना प्रमुख लेंगे परेड की सलामी
1776 में कोलकाता में हुआ था सेना का गठन
राजा महाराजाओं के दौर में हर शासक के अपने सैनिक होते थे। ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय सेना का गठन साल 1776 में कोलकाता में किया। उस दौरान भारतीय सेना ईस्ट इंडिया कंपनी की सैन्य टुकड़ी मानी जाती थी। बाद में ब्रिटिश भारतीय सेना का नाम मिला और अंत में भारतीय थल सेना के तौर पर देश के जवानों को पहचान मिली।