राष्ट्रीय

Army Day 2022: आज से नई लड़ाकू वर्दी में दिखेंगे हमारे जवान, सेना दिवस पर थलसेना प्रमुख लेंगे परेड की सलामी

भारतीय सेना आज 74वां सेना दिवस मना रही है। इस दिन 1949 में, फील्ड मार्शल जनरल करियप्पा को भारत के पहले सेनाध्यक्ष के रूप में स्वीकार किया गया था। सैन्य दिवस भारतीय सेना की बहादुरी, वीरता, बहादुरी और बलिदान की याद दिलाता है। इस दिन सेना की परेड, प्रदर्शनियां और अन्य कार्यक्रमों को आयोजिन किया जाता है।

Jan 15, 2022 / 08:12 am

Shaitan Prajapat

Army Day 2022

Indian Army Day 2022: हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस मनाते हैं। भारतीय सेना आज 74वां सेना दिवस मना रही है। इस दिन 1949 में, फील्ड मार्शल जनरल करियप्पा को भारत के पहले सेनाध्यक्ष के रूप में स्वीकार किया गया था। सैन्य दिवस भारतीय सेना की बहादुरी, वीरता, बहादुरी और बलिदान की याद दिलाता है। इस दिन सेना की परेड, प्रदर्शनियां और अन्य कार्यक्रमों को आयोजिन किया जाता है। थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे (General MM Naravane) दिल्ली में कैंट स्थित करियप्पा ग्राउंड में परेड की सलामी लेंगे। इस परेड में सेना की नई कॉम्बैट यूनिफार्म की झलक देखने को मिलेगी।वह सैनिकों को संबोधित भी करेंगे। इस खास मौके पर सैन्य दिवस के अवसर पर देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी जाती है।

सेना की नई वर्दी की खासियत
सेना दिवस पर भारतीय सैनिक नए लड़ाकू (कॉम्बेट) वर्दी में इस बार नजर आएंगे। शनिवार को सेना दिवस पर परेड में डिजिटल पैटर्न वाली इस वर्दी का अनावरण किया। नई वर्दी ज्यादा आरामदेह और टिकाऊ है। इसे पहनकर सैनिक युद्ध के मोर्चे पर दुश्मन से बेहतर तरीके से लोहा ले सकेंगे। पहली बार सेना दिवस परेड में सैनिक अलग-अलग दौर की वर्दी वर्दियों और हथियारों के साथ परेड में शामिल होंगे।

कई बार हुआ वर्दी में बदलाव
साल 1980 में एक और बदलाव किया गया इससे विघटनकारी पैटर्न वाली बैलट ड्रेस कहा गया। साल 2005 में सरकार ने सीआरपीएफ और बीएसएफ सेना की बैटल वर्दी को अलग करने के लिए तीसरी बार वर्दी बदलने का फैसला किया था।

जैसलमेर में फहराएगा सबसे बड़ा झंडा
सेना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान आज दुनिया का सबसे बड़ा झंडा राजस्थान के जैसलमेर में फहराएगा। 225 फीट लंबा और 150 फीट चौड़ा तिरंगा का वजन करीब एक हजार किलो है। इस झंडे को खादी ग्रामोद्योग ने बनाया है। देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर जैसलमेर में सेना के वॉर म्यूजियम के पास पहाड़ी की चोटी पर इसे फहराया जाएगा।

यह भी पढ़ें

Parliament Budget session: 31 जनवरी से शुरू होगा संसद का बजट सत्र, दो चरणों में 8 अप्रैल तक चलेगा

 

कौन थे फील्ड मार्शल जनरल करियप्पा
फील्ड मार्शल जनरल करियप्पा का करियप्पा का जन्म 1899 में कर्नाटक के कुर्ग जिले में हुआ था। उन्होंने मात्र 20 साल की उम्र में सेना में अपना करियर शुरू किया था। 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान जनरल करियप्पा ने देश की पश्चिमी सीमा पर सेना का नेतृत्व किया था। जैसे देश का विभाजन हुआ, वैसे ही सेना भारत और पाकिस्तान में विभाजित हो गई। उस समय सेना को बांटने की जिम्मेदारी जनरल करियप्पा को दी गई थी। जनरल करियप्पा 1953 में सेना से सेवानिवृत्त हुए।

सर्वोच्च पद होता है इंडियन फील्ड मार्शल का पद
इंडियन फील्ड मार्शल का पद सर्वोच्च पद है। यह पद सम्मान के रूप में दिया जाता है। भारतीय सेना के इतिहास में अब तक दो अधिकारियों को इस पद से नवाजा गया है। देश के पहले फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ को जनवरी 1973 में उन्हें फील्ड मार्शल के रूप में पदोन्नत किया गया था। उनके बाद 15 जनवरी 1986 को जनरल करियप्पा देश के दूसरे फील्ड मार्शल प्रदान किया गया।

Hindi News / National News / Army Day 2022: आज से नई लड़ाकू वर्दी में दिखेंगे हमारे जवान, सेना दिवस पर थलसेना प्रमुख लेंगे परेड की सलामी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.