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आंध्र प्रदेश के सीएम जगन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला ने छोड़ा भाई का साथ, जल्द ही कांग्रेस से मिलाएगी हाथ

YS Sharmila left her brother Jagan Mohan Reddy: इस साल आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और ऐसे में बहन का पार्टी छोड़कर जाने से जगह मोहन रेड्डी को गहरा झटका लगेगा। यह फैसला तेलंगाना में कांग्रेस के विधानसभा में जोरदार जीत के एक महीने के बाद ही सामने आया है।

Jan 02, 2024 / 09:22 am

स्वतंत्र मिश्र

YS Sharmila to join Congress this week: वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की संस्थापक अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी की बहन वाईएस शर्मिला इस सप्ताह कांग्रेस में शामिल होंगी। यह कांग्रेस द्वारा तेलंगाना में विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने और राज्य में भारत राष्ट्र समिति के प्रभुत्व को समाप्त करने के तुरंत बाद आया है।

दक्षिण में कांग्रेस खुद को पुनर्जीवित करने में जुटी

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ-साथ आंध्र प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले शर्मिला को एक महत्वपूर्ण भूमिका देने जा रही है। यह माना जा रहा है कि कांग्रेस के इस कदम का उद्देश्य आंध्र प्रदेश में पार्टी को पुनर्जीवित करना है। पार्टी को उम्मीद है कि वाईएसआरसीपी छोड़ने के इच्छुक लोग अब कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं जब प्रमुख विपक्षी दल तेलुगु देशम पार्टी (TDP) अपना प्रभाव बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है।

जगन मोहन रेड्डी ने 2012 में छोड़ा था कांग्रेस का साथ

शर्मिला पहली बार 2012 में सुर्खियों में तब आईं थीं जब तेलंगाना आंध्र प्रदेश से अलग नहीं हुआ था। राज्य आंदोलन के जोर पकड़ने की पृष्ठभूमि में, उनके भाई जगन मोहन रेड्डी ने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया और वाईएससीआरपी का गठन किया। उनके साथ 18 विधायक भी कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी में शामिल हुए थे। उस समय एक कांग्रेस सांसद ने भी इस्तीफा दिया था। इससे कई उपचुनावों का मार्ग प्रशस्त हुए। भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद जगन रेड्डी जेल में बंद थे और उनकी उपस्थिति में उनकी मां वाईएस विजयम्मा और बहन वाईएस शर्मिला ने अभियान का नेतृत्व किया। वाईएससीआरपी ने चुनावों में जीत हासिल की।
शर्मिला ने 3 साल पहले ही दिए थे ये इशारे

नौ साल बाद यानी 2021 में ही शर्मिला ने कहा कि उनके भाई के साथ उनके राजनीतिक मतभेद हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वाईएसआरसीपी की तेलंगाना में कोई उपस्थिति नहीं है। पिछले साल जुलाई में, उन्होंने वाईएसआर तेलंगाना पार्टी के गठन की घोषणा की और पूर्ववर्ती के.चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अभियान शुरू किया।

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