दरअसल, आनंद महिंद्रा ने अर्बन फॉर्म्स कंपनी के बारे में ट्वीट किया है। उनका कहना है कि किसान पराली को दिक्कत समझते हैं जबकि ये दिक्कत नहीं बल्कि किसानों के लिए एक कीमती कमोडिटी हो सकती है। ऐसे में किसानों को इसे जलाने के बजाए इसकी खाद बनाने की पहल करनी चाहिए, जो आपके खेत को उपजाऊ बनाती है।
बता दें कि अबर्न फार्म्स कंपनी ने दिल्ली के बाहरी इलाके पाला में रीजनरेटिव फार्मिंग का हब बनाया है। विशेषज्ञों का कहना है कि पराली को किसान बेकार समझकर उसे जला देते हैं। अगर उन्हें पता हो कि पराली से बने खाद कितनी बेहतर होती है तो वे कतई ऐसा नहीं करेंगे। इस खाद से जो फल और सब्जियां उगती हैं वह केमिकल फ्री होती हैं। साथ ही इनमें न्यूट्रिशन भी ज्यादा होता है।
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