18वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में पंजाब के खडूर साहिब सीट से चुनाव जीते खालिस्तान समर्थक अमृतपाल जल्द ही सांसद के तौर पर शपथ ले सकता है। इसके लिए पंजाब की मान सरकार ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को पत्र लिखकर पेरोल देने की बात कही है। बता दें कि यूएपीए के तहत गुवाहाटी की जेल में बंद खालिस्तानी अमृतपाल ने इस बार निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीता है। पूर्व सांसद और अमृतपाल के प्रवक्ता राजदेव सिंह खालसा ने कहा कि अमृतसर जिला मैजिस्ट्रेट के सामने अमृतपाल की परोल के लिए याचिका फाइल की है।
पंजाब सरकार ने लोकसभा स्पीकर के पास भेजा आवेदन जानकारी के लिए बता दें कि लोकसभा के लिए चुने गए किसी भी सदस्य को 60 दिनों के भीतर शपथ लेना जरुरी होता है। अगर किसी भी परस्थिती में चुनाव जीता हुआ व्यक्ति शपथ नहीं लेता है तो चुनाव आयोग उसका निर्वाचन रद्द करने के साथ ही उस सीट को शून्य घोषित कर देता है। वहीं, इस पूरे मामले पर अमृतपाल के प्रवक्ता खालसा ने कहा, मैजिस्ट्रेट ने इस याचिका को पंजाब के गृह सचिव के पास भेज दिया और इसके बाद इसे लोकसभा स्पीकर को भेज दिया गया है। हालांकि अब तक लोकसभा ने कोई ऐक्शन नहीं लिया है।
पंजाब से चुने गए कुल 13 में से 12 सांसद शपथ ले चुके हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर के बारामूला से सांसद इंजीनियर राशिद शपथ नहीं ले पाए थे। वह भी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। हालांकि अब एनआईए ने उनको शपथ ग्रहण के लिए परोल दिए जाने पर सहमति जता दी है।
खुद को इंडियन भी नहीं मानता अमृतपाल वहीं अमृतपाल के वकील के मुताबिक सिंह ने 11 जून को पंजाब सरकार को पत्र लिखकर सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए हिरासत से अस्थायी रिहाई की मांग की थी। ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख सिंह वर्तमान में रासुका के तहत अपने नौ सहयोगियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। बता दें कि अमृतपाल खुद को इंडियन भी नहीं मानता। उसने कई इंटरव्यू में कहा है कि वह पंजाबी है न कि भारतीय।
2 लाख के बड़े अंतर से चुनाव जीता है आतंकी अमृतपाल सिंह ने जेल में रहते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा और 404430 वोट हासिल किए। उसने कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को 1,97,120 वोटों के बड़े अंतर से हराया। सिंह को एक महीने से अधिक लंबी तलाशी के बाद पिछले साल 23 अप्रैल को पंजाब के मोगा के रोडे गांव में गिरफ्तार किया गया था। खालिस्तान समर्थक सिंह 18 मार्च को जालंधर जिले में वाहन और हुलिया बदलकर पुलिस की गिरफ्त से भाग गए थे।