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अरहर (तूर) दाल की खेती करने वालों की होगी चाँदी, किसानो के पंजीकरण, खरीद, भुगतान पोर्टल का लोकार्पण

NAFED और NCCF द्वारा खरीद तूर दाल उत्पादकों से सीधे ख़रीद, और सीधे बैंक हस्तांतरण के माध्यम से बेहतर कीमतों का लाभ
 
पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से दालों के बफर स्टॉक के लिए खरीदी की जायगी!
एमएसपी या बाजार मूल्य, जो भी अधिक हो, उसका भुगतान किसानों को किया जाएगा!

Jan 03, 2024 / 11:20 pm

anurag mishra

Amit shah

गृहमंत्री अमित शाह

अनुराग मिश्रा! नई दिल्ली: भारत के तूर उत्पादक किसानो के पंजीकरण, खरीद एवं भुगतान के लिए गुरुवार को पोर्टल का लोकार्पण किया जाएगा। इस मौक़े पर दलहन की आत्मनिर्भरता पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी भी बुलायी गई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” के को ध्यान में रखकर सहकारिता मंत्रालय इस दिशा में एक क़दम उठाने जा रहा है। इसी के तहत तूर उत्पादक किसानों की सुविधा के लिए,उन्हें मज़बूत बनाने के लिए बनाए गए पोर्टल का उद्घाटन केंद्रीय सरकार ता एवं गृह मंत्री अमित शाह करेंगे।
किसान-केंद्रित इस पहल का उद्देश्य तूर दाल उत्पादकों को NAFED और NCCF द्वारा खरीद, सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं और सीधे बैंक हस्तांतरण के माध्यम से बेहतर कीमतों के साथ सशक्त बनाना है। जिससे घरेलू दाल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और आयात निर्भरता कम होगी। इसके तहत, उपभोक्ता मामले विभाग, भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार नेफेड और एनसीसीएफ के पोर्टल पर पंजीकृत किसानों से दालों के बफर स्टॉक के लिए खरीदी की जायगी। एमएसपी या बाजार मूल्य, जो भी अधिक हो, उसका भुगतान किसानों को किया जाएगा।
पोर्टल पर पंजीकरण, खरीद और भुगतान तक की प्रक्रिया एक ही माध्यम पर उपलब्ध रहेगी। किसानों का पोर्टल पंजीकरण सीधा या PACS व FPO के मध्यम से हो सकेगा। किसान को भुगतान नाफेड और द्वारा सीधे उनके मैप्ड बैंक खाते में किया जायगा और बीच में कोई एजेंसी शामिल नहीं होगी। पूरी प्रक्रिया किसान केन्द्रित है जिसमे पंजीकरण से लेकर भुगतान तक की गतिविधियों को किसान स्वयं ट्रैक कर सकते हैं।
यह पहल “आत्म-निर्भर भारत” अभियान की पूरक है। पोर्टल महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, कर्नाटक और झारखंड के तूर दाल उत्पादकों के लिए पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा, जिससे पंजीकरण, खरीद और भुगतान प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाएगा। इसका लक्ष्य किसानों से सीधे 80% बफर स्टॉक खरीदकर आयात पर निर्भरता कम करना है। यह न केवल खाद्य उत्पादन को सुरक्षित करेगा बल्कि राष्ट्र की भविष्य की खाद्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा। बहुभाषी इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल https://esamridhi.in बेहतर पहुंच के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करते हुए किसानों, NAFED और संबंधित सरकारी विभागों को जोड़ेगा।
तूर दाल खरीद पोर्टल का लोकार्पण सरकार के एक नई हरित क्रांति के व्यापक दृष्टिकोण का प्रतीक होगा जो गेहूं और चावल जैसी पारंपरिक फसलों के साथ साथ दालों और तिलहनों को भी सम्मिलित करेगा। सभी खाद्य श्रेणियों में आत्मनिर्भरता के प्रति यह भारतीय कृषि और लाखों किसानों के उज्जवल भविष्य के लिए लाभकारी होगा।

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