तेलंगाना राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर ने बीजेपी पर भेदभाव का आरोप लगाया था और 27 सवाल भी किये और कहा कि वो ईमानदारी से इसका जवाब दे। उन्होंने कहा, “हम तेलंगाना के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ेंगे और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत अपने सही हिस्से की मांग करेंगे”
केटी रामा राव ने कहा कि ‘तेलंगाना के लोगों ने BJP के असली रंग को देखा है, जिसने राज्य का कोई भला नहीं किया है और न ही वे भविष्य में अपना रुख बदलेंगे।’
BJP पर लगाया सौतेला व्यवहार
उन्होंने तेलंगाना के प्रति BJP के सौतेले रवैये की ओर जनता का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा, ‘यहां के लोग इन बेवफा नेताओं को मुंहतोड़ जवाब देंगे।’
केटीआर ने कहा कि बीजेपी को बताना चाहिए कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत तेलंगाना से किए गए वादों में से उन्होंने कौन से वादे पूरे किए हैं।
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क्यों परेशान है TRS?दक्षिण भारत पर बीजेपी की नजर है और वो धीरे-धीरे यहाँ अपनी पकड़ को मजबूत कर रही है। कर्नाटक में पहले ही बीजेपी सत्ता में है और कर्नाटक के बाद तेलंगाना पर उसकी नजर है।
पिछले कुछ सालों में तेलंगाना में बीजेपी की पकड़ भी मजबूत हुई है। वर्ष 2019 के आम चुनावों में बीजेपी ने यहाँ 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद यहाँ के स्थानीय निकाय और विधानसभा के उपचुनाव में भी उसका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था। पार्टी की स्थिति मजबूत होने से TRS की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि बीजेपी सत्ता की लड़ाई में उसके समक्ष बड़ी चुनौती बनती जा रही है।