‘किसी भी लोकतांत्रिक देश में कोई पर्सनल लॉ नहीं है’
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि क्या देश को शरिया के आधार पर, पर्सनल लॉ के आधार पर चलाया जाना चाहिए? कोई भी देश कभी भी इस तरह नहीं चला है। किसी भी लोकतांत्रिक देश में कोई पर्सनल लॉ नहीं है। दुनिया में ऐसा क्यों है? अमित शाह ने तर्क देते हुए कहा कि दुनिया में कई ऐसे मुस्लिम देश हैं जहां शरिया कानून का भी पालन नहीं किया जाता है।
‘संविधान सभा ने भी किया था UCC का वादा’
अमित शाह ने आगे कहा कि समय आगे बढ़ चुका है, अब भारत को भी आगे बढ़ने की जरूरत है। सभी लोकतांत्रिक देशों में समान नागरिक संहिता (UCC) है और अब समय आ गया है कि भारत भी इसे लागू करे। उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि जब संविधान का मसौदा तैयार किया जा रहा था उस समय UCC संविधान सभा की ओर से देश से किया गया एक वादा था। अमित शाह ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद इस कानून पर सामाजिक, न्यायिक और संसदीय दृष्टिकोण से बहस होगी। उत्तराखंड आजादी के बाद UCC लागू करने वाला पहला राज्य बन चुका है।
‘कांग्रेस Vote Bank के लिए कर रही विरोध’
अमित शाह ने समान नागरिक संहिता (UCC) की आलोचना के लिए कांग्रेस (Congress) पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि एक धर्मनिरपेक्ष देश में क्या सभी के लिए एक कानून नहीं होना चाहिए? यह धर्मनिरपेक्षता का सबसे बड़ा संकेत है। कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति के कारण संविधान सभा की ओर से किए गए वादे को पूरा करने में विफल रही है। कांग्रेस ध्रुवीकरण से डरती नहीं है।