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Amazon में कर्मचारियों के टॉयलेट जाने और पानी पीने पर पाबंदी! केंद्र सरकार से मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब

No Toilets Breaks in Amazon India: अमेजन इंडिया पर कर्मचारियों को टॉयलेट जाने और पानी पीने तक का ब्रेक नहीं देने का आरोप लग रहा है। राष्ट्रीय मानवाधिकार ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।

नई दिल्लीJun 20, 2024 / 01:00 pm

स्वतंत्र मिश्र

Amazon India bans toilets and drink water to his staff: चीन में कारखानों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारियों को बंधक बनाकर काम करवाने की खबरें बहुत बार सुर्खियां बनी हैं लेकिन इस बार इससे मिलती-जुलती खबर भारत के हरियाणा से आ रही है। हरियाणा के मानेसर स्थित अमेजन इंडिया (Amazon India, Manesar) पर यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि वह अपने कर्मचारियों को टॉयलेट ब्रेक (No Toilets Breaks) तक नहीं दे रहा है। यहां अमेजन का गोदाम है। इस खबर का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है। आयोग का कहना है कि अगर यह रिपोर्ट ठीक है तो यह बेहद खराब बात है।

कर्मचारी को खिलाई कसम, ना पानी पीएंगे, ना ही टॉयलेट बेक लेंगे

मानेसर स्थित अमेजन इंडिया ने मीडिया को बताया कि उनके मैनेजर ने उन्हें यह कसम खिलाई कि वे जब तक अपना टार्गेट पूरा नहीं करेंगे तब तक किसी तरह का ब्रेक नहीं लेंगे। वे न तो टॉयलेट जाएंगे और न ही पानी पीएंगे। ऐसा बताया गया कि मानेसर में अमेजन इंडिया के मजदूरों को यह कसम खिलाई गई कि जबतक 24 फीट लंबे 6 ट्रकों से सभी पैकेट नहीं उतार लिए जाएं तब तक वे ना ही शौचालय जाएंगे और ना ही पानी पीने के लिए ब्रेक लें। यह भी बताया गया कि मामला अदालत में चल रहा है।

कर्मचारियों पर टार्गेट पूरा करने का पूरा दबाव बनाती है कंपनी

अमेजन के गोदामों में दो तरह की टीमें काम करती हैं- 1. इनबाउंड और 2. आउटबाउंड टीम। टीवी चैनल पर यह रिपोर्ट दिखाया गया कि पिछले महीने गोदाम की इनबाउंड टीम ने 8 बार इस तरह की शपथ ली। इस बात की पुष्टि यहां कार्यरत मजदूरों और कर्मचारियों ने कर दी है। वहीं यह बताया गया कि गोदाम से सामान बाहर निकालने वाली टीम को भी इसी तरह की कसमें खिलाई जाती हैं और उन्हें रोज उनके टार्गेट याद दिलाए जाते हैं। महिला कर्मचारियों का आरोप यह है कि गोदाम जहां वो काम करती हैं वहां शौचालय तक की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है।

अमेजन पर लग रहा है नियमों के उल्लंघन का आरोप

भारत में मजदूर और कर्मचारियों के हितों की लड़ाई लड़ने वाले मजदूर संघ भी यह आरोप लगा रहे हैं कि मानेसर के पांच गोदामों में कारखाना अधिनियम 1948 का खुले आम उल्लंघन हो रहा है। कारखाना अधिनियम के मुताबिक, किसी भी कारखाना या फैक्ट्री में एक मजदूर सप्ताह में 5 दिन रोजाना 10 घंटे काम करने वाला मजदूर एक दिन में चार ट्रक से अधिक सामान की अनलोडिंग नहीं कर सकते हैं। इतना काम भी तब करवाया जा सकता है जब मजदूरों को 30 मिनट के लिए लंच और टी ब्रेक नहीं दिया गया हो। महिला मजदूर और कर्मियों का हाल तो और भी बुरा है। एक महिला कर्मचारी ने बताया कि उन्हें हर रोज 9-10 घंटे तक खड़े ही रहना पड़ता है। उन्होंने बताया कि पीरियड्स के दिनों में यह सबकुछ असहनीय हो जाता है।

हमारे यहां कर्मचारियों की सुरक्षा और सुविधा का पूरा ख्याल

हालांकि इससे उलट अमेजन इंडिया के प्रवक्ता का कहना है कि हमारे कर्मचारियों और सहयोगियों की सुरक्षा और भलाई कंपनी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। वह दावा करते हैं उनके यहां कर्मचारियों की सुरक्षा और आराम का पूरा ख्याल रखा जाता है। उनका कहना है कि कोई भी कर्मचारी अपनी शिफ्ट के दौरान ब्रेक लेने के लिए स्वतंत्र हैं ताकि वह पानी पी सकें और शौचालय जा सकें।

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