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Amazing! मंगल ग्रह जैसी मिट्टी पर वैज्ञानिकों ने उगा दिए टमाटर, ‘साइज’ देख कर रह गए दंग

जय विज्ञान : नीदरलैंड्स की वागेनिंगन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कारनामामंगल ग्रह जैसी मिट्टी मिली तो वैज्ञानिकों ने एक साथ उगा दिए टमाटर, मटर और गाजर

नई दिल्लीMay 06, 2024 / 08:42 am

Anish Shekhar

भविष्य में इंसान के मंगल ग्रह पर जाने की संभावनाओं के बीच नीदरलैंड्स की वागेनिंगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह जैसी मिट्टी में इंटक्रॉपिंग तरीके से एक साथ टमाटर, मटर और गाजर उगाने में कामयाबी मिली है। प्राचीन माया सभ्यता से प्रचलित इस तरीके में कई फसलें एक साथ उगाई जाती हैं। वैज्ञानिकों ने तीनों फसल गमले में उगाईं।
प्रयोग के दौरान टमाटरों की दोगुनी पैदावार हासिल हुई। ये ज्यादा भी थे और बड़े भी। टमाटर के पौधे में फूल जल्दी आए और जल्दी पककर तैयार हो गए। पौधे का तना ज्यादा मोटा तैयार हुआ। हालांकि इंटक्रॉपिंग से मटर और गाजर की पैदावार में ज्यादा बढ़त नहीं दिखी। जर्नल प्लोस वन में प्रकाशित शोध रिपोर्ट की मुख्य लेखक रेबेका गोंजाल्विस का कहना है कि अंतरिक्ष में खेती में इंटरक्रॉपिंग की तकनीक पहली बार इस्तेमाल करते समय हम नहीं जानते थे कि क्या होगा। तीन में से एक फसल के लिए यह बहुत कारगर रही। यह बड़ी खोज है। इसके आधार पर हम शोध को आगे ले जा सकते हैं।

नासा ने बनाई मिट्टी

फसलों को मंगल ग्रह जैसी जिस मिट्टी में उगाया गया, उसमें कोई कार्बनिक पदार्थ नहीं हैं। इसे अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने तैयार किया। शोधकर्ताओं ने इसमें फायदेमंद बैक्टीरिया और पोषक तत्व मिलाए। उन्होंने मंगल ग्रह के ग्रीनहाउस का वातावरण तैयार करने के लिए गैस, तापमान और नमी को नियंत्रित किया।

वहां जाएंगे तो भोजन का बंदोबस्त जरूरी

नासा ऐसी क्षमताएं विकसित करने पर काम कर रहा है, जिनकी जरूरत 2030 के दशक में मंगल ग्रह पर लोगों को भेजने के लिए होगी। शोधकर्ताओं में शामिल वीगर वामेलिंक ने कहा, मंगल ग्रह बहुत दूर है। वहां जाने में नौ महीने लगते हैं। वहां इंसान के लिए भोजन के विकल्पों पर काम जरूरी है।

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