उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई जम्मू कश्मीर प्रशासनिक परिषद की बैठक से इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने का मतलब है कि अब कश्मीर में केवल बहनों को मिलने वाली छात्रवृत्ति अब उनके भाइयों को भी मिलेगी. इस बैठक में हस्तशिल्प और हथकरघा विभागों के बुनकरों / कारीगरों के बच्चों के लिए शिक्षावृत्ति दिए जाने की योजना में संशोधन किया गया.
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पहले कक्षा-1 से लेकर कक्षा छह तक की बालिकाओं को 100 रुपए से लेकर 600 रुपए की छात्रवृत्ति दी जाती थी. अब इस छात्रवृत्ति के हकदार छात्र भी होंगे. इसके अलावा पात्र बच्चों के लिए 1500 से 2000 रुपए प्रतिवर्ष वित्तीय सहायता छात्रवृत्ति के रूप में की घोषणा की गई है. वहीं 11वीं कक्षा व उससे ऊंची कक्षाओं की पढ़ाई व तकनीकी व व्यवसायिक शिक्षा में इस श्रेणी के छात्र-छात्राओं की फीस सरकार भरेगी.
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इस योजना से जम्मू-कश्मीर के लाखों बच्चों को लाभ मिलेगा. प्रशासनिक परिषद की बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ उनके सलाहकार राजीव राय भटनागर, मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव नीतीश्वर कुमार भी उपस्थित थे. पात्र छात्र छात्रवृत्ति के लिए संबंधित सहायक निदेशक को आवेदन कर सकते हैं, जो निर्धारित मानदंडों के अनुसार छात्रवृत्ति राशि के वितरण से पहले उचित सत्यापन करेंगे। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से पात्र छात्रों के बीच छात्रवृत्ति सीधे उनके बैंक खातों में वितरित की जाएगी।