राष्ट्रीय

Delhi Pollution: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण से जान-माल का भारी नुकसान, AQI 750 से ज्यादा

भारत ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कई उपाय लागू किए हैं, जिसमें मुख्य कदम इस प्रकार हैं। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (Grap) है। WHO के मानक स्तर से 50 गुना (AQI 750 से ज्यादा) तक पहुंच गया है।

नई दिल्लीDec 02, 2024 / 09:08 am

Devika Chatraj

देश की राजधानी दिल्ली समेत भारत के प्रमुख शहरों में प्रदूषण (Delhi Pollution) के कारण सांसों पर संकट खड़ा हो गया है। दिल्ली में तो प्रदूषण नवंबर माह में WHO के मानक स्तर से 50 गुना (AQI 750 से ज्यादा) तक पहुंच गया, जो कि घातक से ज्यादा खतरनाक प्लस श्रेणी में आता है। जिसके बाद राजधानी में सांसों पर खतरा देखते हुए वायु प्रदूषण रोकने के लिए ग्रैप-4 स्तर के प्रतिबंध लागू कर दिए गए। इन मानकों के तहत दिल्ली समेत NCR और हरियाणा में बच्चों के स्कूल बंद करते हुए कक्षाएं ऑनलाइन करते हुए वर्क फ्राम होम के आदेश जारी कर दिए गए।

सुधर के प्रयास के बाद भी कोई परिणाम नहीं

आपको बता दें की 27 नवंबर से स्कूल तो खोल दिेए गए, ग्रेप-4 के प्रतिबंध अभी भी लागू हैं। इनको हटाने के लिए सोमवार को दिल्ली में समीक्षा बैठक रखी है। उत्तर भारत में प्रदूषण के इन हालातों को लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने एक राष्ट्रीय आपातकाल की संज्ञा दी है। चिंता की बात यह है कि सरकार की ओर से लगातार प्रदूषण में सुधार के उपायों के बावजूद इनका कोई असर नहीं दिख रहा। भारत में प्रदूषण किस कदर चिंताजनक है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि हर रोज पांच साल से कम उम्र के 464 बच्चों की मौत प्रदूषण से हो रही है। अमरीका की हेल्थ इफेक्ट इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2024 में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में भारत में प्रदूषण के कारण 21 लोगों की जान गई।

दिल्ली में वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत

भारत में वायु प्रदूषण को कम करने के प्रयास

भारत ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कई उपाय लागू किए हैं, जिसमें मुख्य कदम इस प्रकार हैं। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (Grap) इस योजना में वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित करना, निर्माण गतिविधियों को रोकना और प्रदूषण का स्तर अधिक होने पर स्कूलों को बंद करना, वर्क फ्राम होम जैसे उपाय शामिल हैं। इसमें अलग-अलग प्रदूषण स्तर पर अलग प्रयास किए जाते हैं।

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनकैप) 2019 में शुरू की गई इस योजना का लक्ष्य 2017 के स्तर की तुलना में 2024 तक पार्टिकुलेट मैटर प्रदूषण को 20-30% तक कम करना है। पराली जलाने के नियम वैकल्पिक तरीकों के लिए सब्सिडी और नियमों में सख्ती से पराली जलाने को कम करने के प्रयास। इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा: ईवी खरीद के लिए प्रोत्साहन और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास।

10 सालों में पराली जलाने से 25 लाख मौतें

लैंसेट के एक हालिया अध्ययन के अनुसार, 2000 से 2019 के बीच भारत में पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण पैदा हुईं स्वास्थ्य समस्याओं के कारण कम से कम 25 लाख लोगों की मृत्यु हुई है। अध्ययन में कहा गया है कि इसी अवधि में दुनिया भर में कम से कम 3 करोड़ं मौतें जंगल या ज्वालामुखी आदि अन्य समस्याओं के कारण हुईं। इनमें से कम से कम 90% मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में हुई हैं। अध्ययन के अनुसार, चीन में 28 लाख मौतें हुईं।

वायु प्रदूषण से नवंबर में दिल्ली को 2500 करोड़ का नुकसान

चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में बिगड़ते वायु प्रदूषण और ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान 4 के तहत कड़े प्रतिबंधों ने व्यवसायों को बुरी तरह प्रभावित किया है। संगठन के अनुसार, इसके परिणामस्वरूप पिछले महीने 2,500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
ये भी पढ़े: भाजपा की फैलाई नफरत, संविधान रक्षा पर महारैली में बोले Mallikarjun Kharge

संबंधित विषय:

Hindi News / National News / Delhi Pollution: राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण से जान-माल का भारी नुकसान, AQI 750 से ज्यादा

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.