राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान, दोनों बी 777 विमानों को एयर इंडिया के पायलट नहीं, बल्कि भारतीय वायु सेना के पायलट उड़ाते हैं। 8400 करोड़ रुपए की लागत
एयर इंडिया वन दोनों विमानों की खरीद और इनके पुनर्निर्माण की कुल लागत करीब 8,400 करोड़ रुपए आंकी गई है।
एयर इंडिया वन में मिसाइल डिफेंस सिस्टम लगा हुआ है। सेंसर की मदद से पायलट को मिसाइलों से होने वाले हमलों की जानकारी तो मिलती है साथ ही जवाबी हमला करने में भी कारगर है।
दुश्मन के जीपीएस और ड्रोन सिग्नल को ब्लॉक करने का काम करता है। एडवांस कम्यूनिकेशन सिस्टम
एयरक्राफ्ट में एक खास एडवांस कम्यूनिकेशन सिस्टम लगा है। ये हवा में ऑडियो और वीडियो कनेक्ट करने की इजाजत देता है।
यह मिसाइल रोधी प्रणाली है, जो विमान को इंफ्रारेड मिसाइल से बचाती है। चाफ एंड फ्लेयर्स सिस्टम
रडार ट्रैकिंग मिसाइल से खतरा होने पर बादलनुमा चाफ छोड़े जाते हैं, जिससे आगे छिपकर विमान निकल जाता है।
डैनों में लगी यह तकनीक विमान को इंफ्रारेड मिसाइल से बचाती है। सुरक्षित सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम
विमान चाफ एंड फ्लेयर्स सिस्टम से लैस है। इससे रोशनीनुमा फ्लेयर्स मिसाइल को भ्रमित करने के लिए छोड़े जाते हैं। इनका तापमान जेट इंजन के नोजल या एक्जॉस्ट से ज्यादा 2,000 डिग्री फॉरेनहाइट होता है।
इसमें सबसे आधुनिक और सिक्योर सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम भी लगा है।
विमान में दो कॉन्फ्रेंस रूम और प्रेस ब्रीफिंग रूम भी हैं। इसमें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कामकाज के हिसाब से खास वीवीआईपी रूम भी है। हवा में ईंधन भरने की सुविधा
इस विमान में हवा में ईंधन भरने की सुविधा है। एक बार ईंधन भरने पर यह विमान लगातार 17 घंटे तक उड़ान भर सकता है।
विमान 900 किमी प्रति घंटे की गति से उड़ने में सक्षम है।