‘गार्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित
एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह बेहतरीन फाइटर पायलट रहे हैं। वह योग्य उड़ान प्रशिक्षक और प्रायोगिक टेस्ट पायलट हैं। वहीं, अपनी रिटायरमेंट से पहले वायु सेना प्रमुख विवेक राम चौधरी सोमवार सुबह शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। दोपहर में उन्हें विदाई देते हुए ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया जाएगा। भारतीय वायु सेना के अगले चीफ एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह वायु सेना के उप प्रमुख का पदभार संभालने से पहले मध्य वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ थे।
1984 से नियुक्त
उनको दिसंबर 1984 में भारतीय वायु सेना की फाइटर पायलट स्ट्रीम में नियुक्ति दी गई थी। 27 अक्टूबर 1964 को जन्मे एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह इंडियन एयर फोर्स में लगभग 40 वर्ष की लंबी और शानदार सेवा दे चुके हैं। अपनी इस बेहतरीन सर्विस के दौरान, उन्होंने कई कमांड, स्टाफ और विदेशी नियुक्तियों के लिए अपनी सेवाएं दी हैं। अमर प्रीत सिंह ने अलग-अलग तरह के फिक्स्ड और रोटरी विंग विमानों पर 5,000 घंटे से अधिक उड़ान भरी है। 5,000 घंटे से अधिक की उड़ान भरने का यह अपने आप में एक शानदार अनुभव है। नामित चीफ एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज और राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के छात्र रह चुके हैं। अपनी लंबी सर्विस के दौरान एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह ने ऑपरेशनल फाइटर स्क्वाड्रन और एक फ्रंटलाइन एयर बेस की कमान संभाली है।
कई प्रोजेक्ट्स पर किया काम
टेस्ट पायलट के रूप में उन्होंने रूस की राजधानी मास्को में मिग-29 के अपग्रेड प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम का नेतृत्व किया है। इसके अलावा नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर में प्रोजेक्ट डायरेक्टर (फ्लाइट टेस्ट) भी रहे हैं। एयर मार्शल को हल्के लड़ाकू विमान तेजस की उड़ान परीक्षण का दायित्व सौंपा गया था। इसके अलावा एयर मार्शल अमर प्रीत सिंह दक्षिण पश्चिमी वायु कमान में एयर डिफेंस कमांडर और पूर्वी वायु कमान में सीनियर एयर स्टाफ ऑफिसर के महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।