हो सकते हैं कई अहम बदलाव
अग्निपथ स्कीम को लागू हुए डेढ़ साल हो चुके हैं और इस दौरान इस स्कीम की समीक्षा की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (DMA) ने तीनों सेनाओं से इस पर रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों के मुताबिक, चार साल के कार्यकाल को बढ़ाने, अधिक भर्ती करने और 25 प्रतिशत रिटेंशन की सीमा को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन यह कितना होगा, इस पर अभी कुछ साफ नहीं हुआ है। इसके अलावा, ट्रेनिंग या ड्यूटी के दौरान किसी अग्निवीर के मौत या घायल होने की स्थिति में परिवार को आर्थिक सहायता देने पर भी टॉप लेवल पर विचार-विमर्श हो रहा है।अग्निविरों को साल में केवल 30 दिन की छुट्टी मिलती है
इतना ही नहीं, रेगुलर सेना के जवानों और अग्निवीरों को मिलने वाली छुट्टियों के अंतर में भी बदलाव किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, जहां सामान्य सैनिक को साल में 90 दिन की छुट्टी मिलती है, वहीं अग्निवीरों को साल में केवल 30 दिन की छुट्टी मिलती है। अभी अग्निवीरों के पहले बैच को आउट होने में ढाई साल का समय है, इसलिए अगर किसी तरह के बदलाव किए गए तो पहले बैच के आउट होने से पहले ही किए जाएं ताकि इसका फायदा पहले बैच के अग्निवीरों को मिल सके। इसमें सेना सेवा अवधि को भी चार साल से बढ़ाकर सात से आठ साल करने की योजना है। वर्तमान में अग्निवीर भर्ती के चार साल के कार्यकाल में औपचारिक बुनियादी प्रशिक्षण केवल नौ महीने का होता है। शेष प्रशिक्षण कार्य पर किया जाता है, जब अग्निवीर को यूनिट में तैनात किया जाता है।