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J&K चुनाव जीतने के बाद Omar Abdullah ने अनुच्छेद 370 पर कहा, हम लोगों को मूर्ख नहीं बनाना चाहते, इस मुद्दे को…

उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने अनुच्छेद 370 के बारे में पूछे जाने पर कहा कि जिन्होंने इसे
हटाया है, उससे हम वापिस लाने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।

जम्मूOct 09, 2024 / 04:48 pm

स्वतंत्र मिश्र

Omar Abdullah

Jammu Kashmir Article 370: जम्मू और कश्मीर के चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में बाजी मार ली। नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference) और कांग्रेस (Congress) को मिलाकर 49 सीटें मिली जबकि बीजेपी को सिफ 29 सीटें ही मिल पाईं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख डॉ. फारूक अब्दुल्ला (Dr. farooq Abdullah) ने कहा कि उनके बेटे उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) जम्मू-कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने कहा कि 10 वर्षों के बाद लोगों ने हमें अपना जनादेश दिया है। उमर अब्दुला इससे पहले 2009 से लेकर 2015 तक राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। आज जब मीडिया ने उनसे अनुच्छे 370 के बारे में पूछा तो जेकेएनसी के उपाध्यक्ष और नवनिर्वाचित विधायक उमर अब्दुल्ला ने राज्य का दर्जा बहाल (Restoration of Statehood of JK) करने पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा, “हमारा राजनीतिक रुख नहीं बदलेगा। हमने कभी नहीं कहा कि हम अनुच्छेद 370 (Article 370) के मुद्दे पर चुप रहेंगे या यह हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं है।”

‘370 को लेकर हम लोगों को मूर्ख नहीं बनाएंगे’

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम लोगों को मूर्ख बनाना नहीं चाहते हैं। मैंने हमेशा कहा है कि जिन लोगों ने अनुच्छेद 370 Article 370 को हटाया, उनसे इसे वापस पाने की उम्मीद करना मूर्खता है। लेकिन हम इस मुद्दे को जीवित रखेंगे उम्मीद है कि एक दिन सरकार बदलेगी, प्रधानमंत्री बदलेंगे और एक ऐसी सरकार आएगी जिसके साथ हम इस मुद्दे पर बात कर सकेंगे और जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ हासिल कर सकेंगे।

‘केंद्र के साथ लड़ाई हमारी मजबूरी नहीं’

उमर अब्दुल्ला ने कहा, “सरकार बनने दीजिए। यह सीएम से पूछें जो निर्वाचित होंगे। मेरा सुझाव यह है कि नई दिल्ली के साथ समन्वय जरूरी होगा। दिल्ली (केंद्र) से लड़ने से हमारे मुद्दे और मुश्किलें हल नहीं होंगी। हम बीजेपी की राजनीति स्वीकार नहीं करेंगे और बीजेपी हमारी राजनीति स्वीकार नहीं करेगी। हमारी प्रतिद्वंद्विता रहेगी लेकिन केंद्र से लड़ना हमारी मजबूरी नहीं है। मुझे लगता है कि केंद्र के साथ उचित संबंध जम्मू-कश्मीर के लिए अच्छे होंगे और जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लड़ाई के लिए वोट नहीं दिया है, उन्होंने वोट दिया है क्योंकि वे नौकरियां, प्रगति चाहते हैं। राज्य का दर्जा, बिजली आपूर्ति में राहत और अन्य मुद्दों का समाधान…”

जम्मू कश्मीर रियासत रही है और…

उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल के हस्तक्षेप के सवाल पर कहा कि जम्मू कश्मीर और दिल्ली में फर्क है। दिल्ली कभी रियासत रही नहीं है या दिल्ली को रियासत बनाने का वादा कभी किसी ने किया नहीं। जम्मू कश्मीर एक रियासत थी। हमें रियासत का दर्जा देने का वादा किया गया था। वर्ष 2019 से पहले जम्मू कश्मीर को रियासत का दर्जा प्राप्त था।

कौन सी सीट छोड़ेंगे अब्दुल्ला?

बडगाम और गंदेरबल में से कौन सी सीट छोड़ेंगे, इस पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैं दोनों सीटें नहीं रख सकता। मुझे एक सीट छोड़नी होगी। मैं अपने सहयोगियों से चर्चा करूंगा और जो निर्णय होगा, उसके बारे में आपको बताऊंगा। अब्दुल्ला ने कहा कि कुछ महीने पहले जब लोकसभा चुनाव में बारामुल्ला के नतीजे आ रहे थे तो मैं शुरुआत में आगे चल रहा था लेकिन आधे घंटे में यह बदल गया और अंतर बढ़ता गया। मैंने हमेशा कहा है कि एग्जिट पोल समय की बर्बादी है।

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