वरिष्ठता के अनुसार ये नाम सीडीएस (CDS) के दावेदार हो सकते हैं: थल सेना प्रमुख जनरल मुकुंद नरवणे Army Chief जनरल मुकुंद नरवणे की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। 60 वर्षीय जनरल मुकुंद नरवणे तीनों सेनाओं में सबसे वरिष्ठ हैं। जनरल बिपिन रावत के बाद ही उन्हें 28वां सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था।
नरवणे चार दशक से सेना को अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। इस दौरान कई चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियों को उन्होंने निभाया है। कश्मीर हो या पूर्वोत्तर राज्य जहां भी उनकी तैनाती हुई वह आतंकी गतिविधियों को रोकने में अहम भूमिका निभा चुके हैं।
सेना प्रमुख बनने से पहले जनरल मुकुंद नरवणे पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे जो चीन से लगती 4000 किलोमीटर लंबी सीमा पर सुरक्षा के लिए तैनात है। 1987 में ऑपरेशन पवन के तहत श्रीलंका में जब भारतीय शांति बल भेज गया था तब वो इसका हिस्सा थे। नरवणे सैन्य युद्ध के बड़े जानकार भी माने जाते हैं।
महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले सेना प्रमुख जनरल मुकुंद नरवणे को नागालैंड में महानिरीक्षक असम राइफल्स (उत्तर) के रूप में सेवा देने के लिए ‘विशिष्ट सेवा पदक’ और ‘अति विशिष्ट सेवा पदक’ से सम्मानित किया जा चुका है।
यह भी पढ़ें: Bipin Rawat जिस हेलिकॉप्टर में थे सवार, जानिए कैसे और कब हुए हैं इस हेलिकॉप्टर से हादसे वायु सेना प्रमुख एयरचीफ (IAF chief ) मार्शल विवेक राम चौधरी भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल विवेक राम चौधरी भी CDS के दावेदारों में से एक हैं। सेना में अपने 38 साल के कार्यकाल में चौधरी ने भारतीय वायुसेना की सूची में कई तरह के लड़ाकू और प्रशिक्षक विमान उड़ाए हैं। उन्हें मिग-21, मिग-23 एमएफ, मिग 29 और सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों पर परिचालन उड़ान सहित 3,800 घंटे से अधिक का उड़ान का अनुभव है।
वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल विवेक राम चौधरी कई अहम ऑपरेशनों का हिस्सा भी रहे हैं। इनमें ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन सफेद सागर शामिल है। इसके अलावा एयर मार्शल चौधरी ने कई महत्वपूर्ण पज़िशन पर भी कार्य किया है। वह एक फ्रंटलाइन फाइटर स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर थे और उन्होंने फ्रंटलाइन फाइटर बेस की भी कमान संभाली थी।
एयर मार्शल चौधरी को परम विशिष्ट सेवा मेडल (PVSM) और वायु मेडल (VM) समेत कई पदक से सम्मानित किए जा चुके हैं। नौ सेना अधिकारी एडमिरल करमबीर सिंह एडमिरल करमबीर सिंह का नाम भी CDS के लिए चुना जा सकता है, परंतु इसकी संभावना बेहद कम है। इसका कारण ये है कि एडमिरल करमबीर सिंह तीनों सेना प्रमुख में सबसे जूनियर हैं।
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सैन्य जानकारों के अनुसार इस महत्वपूर्ण पद का कार्यभार किसी को नहीं दिया जा सकता, बल्कि नई नियुक्ति की जाएगी। रक्षा मामलों से जुड़ी उच्च स्तरीय समिति ये तय करेगी कि अगला CDS कौन बनेगा।
बता दें कि वर्ष 2001 में मंत्रियों के समूह (Group of Ministers GoM)ने सीडीएस पद को सृजित करने की मांग की थी। ये समूह कारगिल सुरक्षा समिति की रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा था।
सुरक्षा समिति की सिफारिश के बाद वर्ष 2002 में सरकार ने इंटीग्रेटेड डिफेन्स स्टाफ बनाया था जिसे सीडीएस के सचिवालय के रूप में काम करना था। इसके दस साल बाद वर्ष 2012 में सीडीएस पद को लेकर नरेश चंद्र समिति ने स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष को नियुक्ति करने की सिफारिश की थी।
यह भी देखें: Bipin rawat death video: मिला Mi-17V5 हेलिकॉप्टर का Black Box, खुलेगा कुन्नूर हादसे का राज, सामने आया क्रैश से ठीक पहले का वीडियो इसके बाद से ही सीडीएस पद के लिए पूरा मसौदा तैयार करने का काम शुरू हो गया। एनडीए सरकार ने इसे गति दी और वर्ष 2019 में इस पद को सृजित कर दिया और 30 दिसम्बर 2019 को बिपिन रावत इस पद के लिए नियुक्त हुए थे।
यह भी पढ़ें: तीन माह पहले आए थे बिपिन रावत, पत्नी Madhulika Rawat के साथ की थी मां पीताम्बरा की पूजा किसी सेना प्रमुख को CDS बनाए जाने पर आयु सीमा से जुड़े नियम बाधा न बने इसलिये सरकार ने CDS के लिए अधिकतम 65 वर्ष की आयु तय की। इसके लिए सरकार ने सेना के नियम 1954; नौसेना (अनुशासन और विविध प्रावधान) विनियम, 1965; नौसेना समारोह, सेवा की शर्तें और विविध विनियम, 1963 तथा वायु सेना विनियम, 1964 में संशोधन किया है।
सीडीएस का कार्य सेना के तीनों अंगों के मामले में रक्षा मंत्री के प्रमुख सलाहकार के रूप में कार्य करना है। किसी आपातकाल स्थिति में सरकार को क्या निर्णय लेना है इसके लिए वो सीधे CDS से विचार विमर्श कर सकते हैं।