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जनरल Bipin Rawat की मौत से सदमे में देश, ये हो सकते हैं देश के अगले CDS

Bipin Rawat News : देश के पहले CDS Bipin Rawat की मौत के बाद देश का अगला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) कौन होगा इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई है। इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि देश के अगले CDS के लिए कौन सबसे बड़ा दावेदार है।

Dec 09, 2021 / 02:04 pm

Mahima Pandey

Bipin Rawat Latest News CDS Helicopter Crash
देश के पहले CDS Bipin Rawat की मौत की खबर से पूरा देश सदमे में है। हेलिकॉप्टर क्रैश (Helicopter Crash) कैसे हुआ इसकी जांच भी जारी है। इस बीच देश का अगला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) कौन होगा इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई है। पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार शाम सुरक्षा मामलों की कैबिनेट बैठक बुलाकर इस विषय पर चर्चा की। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) समेत कई अन्य सदस्य भी शामिल हुए थे। अगले सात दिनों के अंदर नए सीडीएस की नियुक्ति की जानी है। इस चुनाव प्रक्रिया के तहत देश की सेनाओं में वर्तमान में वरिष्ठ अधिकारियों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है ।
वरिष्ठता के अनुसार ये नाम सीडीएस (CDS) के दावेदार हो सकते हैं:

थल सेना प्रमुख जनरल मुकुंद नरवणे

Army Chief जनरल मुकुंद नरवणे की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। 60 वर्षीय जनरल मुकुंद नरवणे तीनों सेनाओं में सबसे वरिष्ठ हैं। जनरल बिपिन रावत के बाद ही उन्हें 28वां सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था।
नरवणे चार दशक से सेना को अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। इस दौरान कई चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारियों को उन्होंने निभाया है। कश्मीर हो या पूर्वोत्तर राज्य जहां भी उनकी तैनाती हुई वह आतंकी गतिविधियों को रोकने में अहम भूमिका निभा चुके हैं।
सेना प्रमुख बनने से पहले जनरल मुकुंद नरवणे पूर्वी कमान का नेतृत्व कर रहे थे जो चीन से लगती 4000 किलोमीटर लंबी सीमा पर सुरक्षा के लिए तैनात है। 1987 में ऑपरेशन पवन के तहत श्रीलंका में जब भारतीय शांति बल भेज गया था तब वो इसका हिस्सा थे। नरवणे सैन्य युद्ध के बड़े जानकार भी माने जाते हैं।
महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले सेना प्रमुख जनरल मुकुंद नरवणे को नागालैंड में महानिरीक्षक असम राइफल्स (उत्तर) के रूप में सेवा देने के लिए ‘विशिष्ट सेवा पदक’ और ‘अति विशिष्ट सेवा पदक’ से सम्मानित किया जा चुका है।
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वायु सेना प्रमुख एयरचीफ (IAF chief ) मार्शल विवेक राम चौधरी

भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल विवेक राम चौधरी भी CDS के दावेदारों में से एक हैं। सेना में अपने 38 साल के कार्यकाल में चौधरी ने भारतीय वायुसेना की सूची में कई तरह के लड़ाकू और प्रशिक्षक विमान उड़ाए हैं। उन्हें मिग-21, मिग-23 एमएफ, मिग 29 और सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों पर परिचालन उड़ान सहित 3,800 घंटे से अधिक का उड़ान का अनुभव है।
वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल विवेक राम चौधरी कई अहम ऑपरेशनों का हिस्सा भी रहे हैं। इनमें ऑपरेशन मेघदूत और ऑपरेशन सफेद सागर शामिल है। इसके अलावा एयर मार्शल चौधरी ने कई महत्वपूर्ण पज़िशन पर भी कार्य किया है। वह एक फ्रंटलाइन फाइटर स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर थे और उन्होंने फ्रंटलाइन फाइटर बेस की भी कमान संभाली थी।
एयर मार्शल चौधरी को परम विशिष्ट सेवा मेडल (PVSM) और वायु मेडल (VM) समेत कई पदक से सम्मानित किए जा चुके हैं।

नौ सेना अधिकारी एडमिरल करमबीर सिंह

एडमिरल करमबीर सिंह का नाम भी CDS के लिए चुना जा सकता है, परंतु इसकी संभावना बेहद कम है। इसका कारण ये है कि एडमिरल करमबीर सिंह तीनों सेना प्रमुख में सबसे जूनियर हैं।
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कानून क्या कहता है ?

सैन्य जानकारों के अनुसार इस महत्वपूर्ण पद का कार्यभार किसी को नहीं दिया जा सकता, बल्कि नई नियुक्ति की जाएगी। रक्षा मामलों से जुड़ी उच्च स्तरीय समिति ये तय करेगी कि अगला CDS कौन बनेगा।
बता दें कि वर्ष 2001 में मंत्रियों के समूह (Group of Ministers GoM)ने सीडीएस पद को सृजित करने की मांग की थी। ये समूह कारगिल सुरक्षा समिति की रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा था।
सुरक्षा समिति की सिफारिश के बाद वर्ष 2002 में सरकार ने इंटीग्रेटेड डिफेन्स स्टाफ बनाया था जिसे सीडीएस के सचिवालय के रूप में काम करना था।

इसके दस साल बाद वर्ष 2012 में सीडीएस पद को लेकर नरेश चंद्र समिति ने स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष को नियुक्ति करने की सिफारिश की थी।
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इसके बाद से ही सीडीएस पद के लिए पूरा मसौदा तैयार करने का काम शुरू हो गया। एनडीए सरकार ने इसे गति दी और वर्ष 2019 में इस पद को सृजित कर दिया और 30 दिसम्बर 2019 को बिपिन रावत इस पद के लिए नियुक्त हुए थे।
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किसी सेना प्रमुख को CDS बनाए जाने पर आयु सीमा से जुड़े नियम बाधा न बने इसलिये सरकार ने CDS के लिए अधिकतम 65 वर्ष की आयु तय की। इसके लिए सरकार ने सेना के नियम 1954; नौसेना (अनुशासन और विविध प्रावधान) विनियम, 1965; नौसेना समारोह, सेवा की शर्तें और विविध विनियम, 1963 तथा वायु सेना विनियम, 1964 में संशोधन किया है।
सीडीएस का कार्य सेना के तीनों अंगों के मामले में रक्षा मंत्री के प्रमुख सलाहकार के रूप में कार्य करना है। किसी आपातकाल स्थिति में सरकार को क्या निर्णय लेना है इसके लिए वो सीधे CDS से विचार विमर्श कर सकते हैं।

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