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JK: Article 370 के बाद अब जम्मू-कश्मीर से AFSPA हटाएगी मोदी सरकार, अमित शाह का बड़ा एलान, जानिए AFSPA का क्यों हो रहा है विरोध?

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार (Modi Government) जम्मू-कश्मीर(JK) से सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) को हटाने पर विचार करेगी।

Mar 27, 2024 / 01:39 pm

Anand Mani Tripathi

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Lok sabha elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर (JK) से सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) को हटाने पर विचार करेगी। शाह ने एक साक्षात्कार में कहा कि केंद्र सरकार की योजना जम्मू-कश्मीर से सैनिकों को वापस बुलाने और कानून व्यवस्था को जम्मू-कश्मीर पुलिस पर छोडऩे की है। पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस पर भरोसा नहीं किया जाता था, लेकिन आज वे ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे हैं।

शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सितंबर से पहले विधानसभा चुनाव होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को स्थापित करने का वादा है, इसे हर हाल में पूरा किया जाएगा। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि हालांकि यह लोकतंत्र केवल तीन परिवारों तक सीमित नहीं रहेगा और लोगों का लोकतंत्र होगा।

इस दौरान शाह ने एससी, एसटी, ओबीसी और महिला आरक्षण का भी जिक्र किया। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के विभिन्न संगठनों नेे अफस्पा हटाने की मांग की है। अफस्पा सशस्त्र बलों को अशांत क्षेत्रों में लोगों की तलाशी लेने, गिरफ़्तार करने और गोली चलाने की व्यापक शक्तियां देता है।

 

शाह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दोनों को आतंकवाद पर बोलने का कोई हक नहीं है। उनके कार्यकाल में जिनती फर्जी मुठभेड़ हुईं, उतनी कभी नहीं हुईं। पिछले पांच साल में कोई फर्जी मुठभेड़ नहीं हुई, बल्कि फर्जी मुठभेड़ पर एफआइआर दर्ज की गई है। उन्होंने एक बार कहा कि हम कश्मीर के युवा से बात करेंगे न कि उन संगठनों से जिनकी जड़ें पाकिस्तान में हैं।

AFSPA यानी सशस्त्र बलों को अशांत क्षेत्र में मिली असीमित शक्तियां। भारतीय संसद ने 11 सितंबर 1958 में विशिष्ट शक्ति (विशेष शक्तियाँ) अधिनियम पारित किया था। इसके तहत बिना वारंट के तलाशी ली जा सकती है और किसी भी चरमपंथी, उग्रवादी और आतंकवादी पर गोली चलाई जा सकती है। इसके तहत देश के अशांत क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम और नागालैण्ड में तैनात सैन्‍य बलों विशेष शक्तियां दी गई थी। वर्तमान में AFSPA असम, नगालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों में लागू है।

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