जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में करता परवन गुरुद्वारा के गेट पास एक दुकान के अंदर बुधवार को बम धमाका हुआ है। जिस दुकान पर धमाका हुआ वह सिख समुदाय के एक सदस्य की थी जो तालिबान शासित देश में अल्पसंख्यक हैं। भारतीय विश्व मंच के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंडोक ने जानकारी दी है कि “सिख और हिंदू समुदायों के सदस्य सुरक्षित बताए जा रहे हैं। इस धमाके में सिख या हिन्दू समुदाय से किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है।”
तालिबान के दावों की खुली पोल
बता दें कि गुरुद्वारे के बाहर विस्फोट से एक दिन पहले ही तालिबान सरकार के विदेश मंत्रालय के कार्यालय के महानिदेशक मुल्ला अब्दुल वसी ने देश में सुरक्षा की स्थिति पर अल्पसंख्यकों को आश्वासन दिया था। उन्होंने हिंदू और सिख परिषद के सदस्यों के साथ बैठक में दावा किया था कि अफगानिस्तान में सुरक्षा बहाल कर दी गई है। यही नहीं उन्होंने सिखों और हिंदुओं से अफगानिस्तान लौटने का भी आग्रह किया था। इस आश्वास के एक दिन बाद ही इस घटना ने अफगानिस्तान में तालिबान के शासन में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की पोल खुल गई है।
18 जून को गुरुद्वारे पर हुआ था हमला
इससे पहले 18 जून को गुरुद्वार करते परवान में बम धमाका हुआ था जिसमें 50 से अधिक लोगों की जान गई थी। इसके बाद ISIS-खोरासन ने एक बयान जारी किया था जिसमें ये दावा अकीय था कि इस हमले के पीछे उसका एक अबू मोहम्मद अल ताजिकी था।
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