16 दिन धरती के चारों तरफ चक्कर लगाएगा आदित्य-L1
आदित्य-L1 16 दिनों तक धरती के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। इस दौरान पांच कक्षा से होते हुए गुजरेगा, ताकि सही गति मिल सके। इसके बाद आदित्य-L1 का ट्रांस-लैरेंजियन 1 इंसर्शन होगा। यहां से सूर्ययान की 109 दिन की यात्रा शुरू होगी। इसके बाद आदित्य-L1 एक ऑर्बिट मैन्यूवर में पहुंचेगा।
सौर वायुमंडल में ये काम करेेगा आदित्य-L1
आदित्य एल-1 भारत का पहला सूर्य मिशन है। इसे लॉन्च करके भारत सौर वायुमंडल यानी क्रोमोस्फेयर और कोरोना की गतिशीलता का अध्ययन करना चाहता है। आदित्य- L1 सूरज के कोरोना से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं की स्टडी करेगा। सौर हवाओं के विभाजन और तापमान की स्टडी करेगा। सौर वायुमंडल को समझने का प्रयास करेगा।
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Aditya-L1 की सफलता के लिए किए गए हवन
देशभर में सूर्य मिशन Aditya-L1 को लेकर लोगों में उत्साह है। सूर्ययान की सफलता के लिए कांदिवली के मिथिला हनुमान मंदिर में हवन किया गया। वहीं, वाराणसी में भी मिशन की सफलता की कामना के लिए हवन हुआ। देवभूमि उत्तराखंड सहित देश के कई हिस्सों में ऐसा नजारा देखने को मिला।