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Aditya-L1 Mission: 4 माह में 15 लाख KM, सूरज के कितने पास तक जाएगा आदित्य-एल1, जानिए क्या काम करेंगे सूर्ययान के सभी पेलोड्स

Aditya-L1 Mission: इसरो अगले महीने 2 सितंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आदित्य-L1 लॉन्च किया जाएगा। आदित्य एल-1 भारत का पहला सूर्य मिशन है। इसे लॉन्च करके भारत सौर वायुमंडल यानी क्रोमोस्फेयर और कोरोना की गतिशीलता का अध्ययन करना चाहता है।

Sep 02, 2023 / 08:24 am

Shaitan Prajapat

Aditya-L1 Mission

Aditya-L1 Mission

Aditya-L1 Mission Launch Date And Time : चंद्रमा पर फतह हालिस करने के बाद अब भारत की नजरे सूर्य पर है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) जल्द ही सूर्ययान लॉन्च करने जा रहा है। इसरो अगले महीने 2 सितंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आदित्य-L1 लॉन्च किया जाएगा। आदित्य एल-1 भारत का पहला सूर्य मिशन है। इसे लॉन्च करके भारत सौर वायुमंडल यानी क्रोमोस्फेयर और कोरोना की गतिशीलता का अध्ययन करना चाहता है। आइए जानते है आदित्य-L1 क्या काम करेगा, कितनी दूसरी तक यात्रा करेगा और इसका कितना खर्चा आएगा।

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4 माह में 15 लाख KM

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि आदित्य-एल1 की लॉन्चिंग 2 सितंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा से होगी। यह भारत के हैवी-ड्यूटी लॉन्च वाहन, पीएसएलवी पर सवार होकर 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करेगा। प्रक्षेपण के बाद, इसे पृथ्वी से लैग्रेंज बिंदु 1 (L1) तक पहुंचने में 125 दिन या 4 महीने लगेंगे।

जानिए क्या करेंगे सूर्ययान के सभी पेलोड्स

इसरो के आदित्य-L1 के पास सूरज की स्टडी करने के लिए सात पेलोड्स हैं। सातों पेलोड्स मिलकर सूरज का अध्ययन करेंगे और सूरज के कई राज खोलेंगे। सूर्ययान करीब 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित सूर्य के रहस्यों से पर्दा उठाएगा।

1. VELC यानी विजिबल लाइन एमिसन कोरोनाग्राफ

विजिबल लाइन एमिसन कोरोनाग्राफ को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स ने तैयार किया है। सूर्ययान में लगा VELC सूरज की HD फोटो क्लिक करेगा। इस पेलोड में लगा कैमरा सूरज के हाई रेजोल्यूशन तस्वीरे लेगा।

2. PAPA यानी प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य

प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य का काम सूरज की गर्म हवाओं में मौजूद इलेक्ट्रॉन्स और भारी आयन की दिशाओं और उनका अध्ययन करेगा।

3. SUIT यानी सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलिस्कोप

सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलिस्कोप एक अल्ट्रावायलेट टेलिस्कोप है। इसका काम भी सूरज की अल्ट्रावायलेट वेवलेंथ की तस्वीरे लेने का है। सूरज के फोटोस्फेयर और क्रोमोस्फेयर की तस्वीरें लेगा।

4.SoLEXS यानी सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर

सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर पेलोड्स सूर्य से निकलने वाले एक्स-रे और उसमें आने वाले बदलावों की अध्ययन करेगा। सूरज से निकलने वाली सौर लहरों के राज का पता लगाएगा।

5. HEL10S यानी हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर

हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर एक हार्ड एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर है। यह सूर्य की हार्ड एक्स-रे किरणों की अध्ययन करेगा।

6. ASPEX यानी आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट

आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट में दो सब-पेलोड्स हैं। पहला SWIS यानी सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर है जो सूरज की हवाओं में आने वाले प्रोटोन्स और अल्फा पार्टिकल्स की स्टडी करेगा। वहीं दूसरा STEPS यानी सुपरथर्मल एंड एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर सौर हवाओं में आने वाले ज्यादा ऊर्जा वाले आयंस की अध्ययन करेगा।

7. MAG यानी एडवांस्ड ट्राई-एक्सियल हाई रेजोल्यूशन डिजिटल मैग्नेटोमीटर्स

एडवांस्ड ट्राई-एक्सियल हाई रेजोल्यूशन डिजिटल मैग्नेटोमीटर्स सूरज के चारों तरफ मैग्नेटिक फील्ड का अध्ययन करेगा। इसके अलावा धरती और सूरज के बीच मौजूद कम तीव्रता वाली मैग्नेटिक फील्ड के पता लगाया जाएगा।

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