हालांकि 8वें वेतन आयोग के तहत वेतन वृद्धि की गणना ‘नए फिटमेंट फैक्टर’ के तहत की जा सकती है। जब 2016 में 7वां वेतन आयोग लागू हुआ था, तो उसकी सिफारिश के आधार पर फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया गया था। इसके आधार पर न्यूनतम वेतन अभी भी 18000 रुपये है। अब उम्मीद है कि 10 साल पूरे होने के बाद फिटमेंट फैक्टर से जुड़े नियम भी फिर से लागू हो जाएंगे।
8वें वेतन आयोग में वेतन में संभावित वृद्धि
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के लिए फिटमेंट फैक्टर को 1.92 रखा जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो न्यूनतम वेतन बढ़कर 34,560 रुपये हो जाएगा। इसी तरह, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी पहले से ज्यादा पेंशन मिलेगी, जो बढ़कर 17,280 रुपये तक हो सकती है। फिटमेंट फैक्टर एक गणना है जिसका उपयोग सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन की गणना के लिए किया जाता है। यह एक संख्या है जिससे गुणा करने पर कर्मचारी का मूल वेतन बढ़ जाता है। इसी तरह, उसका कुल वेतन भी इसी फैक्टर के हिसाब से तय होता है। इस बदलाव के कारण कर्मचारियों का मूल वेतन बढ़ता है और उनके अन्य भत्ते भी बढ़ते हैं।