भारत का ताज कहा जाने वाला ज्म्मू-कश्मीर अब आतंकवाद की दहशतगर्दी से आजाद होता जा रहा है। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और अनुच्छेद 35 A के हटाए जाने और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग राज्य बनाए जाने के बाद से ही कश्मीर का टूरिज्म रफ्तार पकड़ रहा है। बता दें कि 2023 मेंं 77 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए देश भर से दो करोड़ पर्यटक 2023 में जम्मू-कश्मीर घूमने आए। इसके साथ ही सरकार की तरफ से दी जा रही मदद के कारण पिछले साल यहां 100 से अधिक फिल्मों की शूटिंग हुई।
2023 में पहुंचे 2 करोड़ से ज्यादा पर्यटक
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एक रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए कहा कि 2023 मेंं 77 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए देशभर से दो करोड़ पर्यटक 2023 में जम्मू-कश्मीर घूमने आए। इसके साथ ही राज्य में 100 से ज्यादा छोटी-बड़ी फिल्में शूट की गई। प्रसिद्ध फ्रांसीसी समाचार पत्र ल फिगारो ने कश्मीर के उभरते आकर्षण पर एक रिपोर्ट पेश की है। इसमें इसे दशकों के संघर्ष के बाद विदेशी यात्रियों के लिए खुलने वाला एक भूला हुआ स्वर्ग बताया गया है। बेरेनिस डेब्रास ने अपने लेख में श्रीनगर को हिमालय की तलहटी में शांति के स्वर्ग के रूप में चित्रित किया है।
जादू और आकर्षण का नया युग
प्रशासन के प्रवक्ता ने बताया कि ल फिगारो की रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि यह जम्मू-कश्मीर के संघर्षग्रस्त अतीत से एक समृद्ध वर्तमान तक की यात्रा को खूबसूरती से दर्शाती है। भूले हुए स्वर्ग को विश्व मंच पर अपनी स्थिति फिर से हासिल करने के रूप में चित्रित किया गया है, जो जादू और आकर्षण के एक नए युग का प्रतीक है।
पथराव की घटना हुई पहली बार ‘जीरो’
वहीं, घाटी में 2023 में एक भी बार पत्थरबाजी की घटना सामने नहीं आई है। पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन ने कानून व्यवस्था पर बात करते हुए कहा कि पथराव में 60% की गिरावट देखी गई जबकि पाकिस्तान समर्थक आयोजित पथराव की घटनाएं इस वर्ष ‘जीरो’ रिकॉर्ड हुई हैं। इसके अलावा, जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों विशेषकर सेना द्वारा चलाए जार रहे ऑपरेशन ‘ऑल आउट’, ‘ऑपरेशन मां’ 2016 से ही आतंक पर दोहरा प्रहार करते नजर आ रहे हैं जिसके चलते यहां सक्रिय सभी गुटों के नेतृत्व करने वाले टॉप कमांडर मारे गए हैं।
क्या कहते हैं आंकड़ें
जम्मू कश्मीर पुलिस के अनुसार यह साल बीते एक दशक से ज्यादा समय में सबसे शांतिपूर्ण रहा और इस में उन सालों की तुलना में कम हिंसा दर्ज की गई। जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी के अनुसार पूरे साल में कुल 48 ऑपरशन हुए जिन में 76 आतंकी मारे गए। इनमें पाकिस्तानी मूल के 55 आतंकी थे। डीजीपी के अनुसार अभी कुल 31 आतंकी सक्रिय हैं जिन में जम्मू संभाग से 4, और कश्मीर से 27 आतंकी हैं। पूरे साल में कुल 20 घुसपैठ की कोशिशें देखी गईं जिनको विफल बनाते हुए सुरक्षाबलों ने करीब 40 घुसपैठियों को ढेर किया, जिसमें अधिकतर पाकिस्तानी थे।