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‘भूत बंगला’ बने 64 शॉपिंग मॉल: दुकानें खरीदने को कोई तैयार नहीं, हुआ 6,700 करोड़ का नुकसान

मॉल कल्चर से लोगों का मोहभंग: देश के 8 बड़े शहरों में वीरान पड़े मॉल्स की संख्या बढ़ी, इन शॉपिंग मॉल्स में 40 फीसदी स्पेस खाली, किराएदार नहीं मिल रहे। देश के 8 बड़े शहरों में 15.7 प्रतिशत लीजिंग स्पेस खाली है , जो 2022 में 16.6 प्रतिशत थी, यानी कुल मिलाकर मॉल्स में दुकानें बढ़ीं।

नई दिल्लीMay 08, 2024 / 08:29 am

Shaitan Prajapat

Ghost Bungalows : पिछले दो दशक में मॉल मेें शॉपिंग करने का क्रेज लोगों में बढ़ा है, इसलिए बड़े-बड़े शहरों में मॉल तेजी से खुले और इनमें व्यवसायिक निवेश बढ़ा। लेकिन अब शायद मॉल कल्चर से लोगों का मोहभंग होता जा रहा है। देश के 8 प्रमुख शहरों में खाली पड़े शॉपिंग मॉल (घोस्ट मॉल) की संख्या वर्ष 2023 में 57 से बढ़कर 64 हो गई। नाइटफ्रैंक की ‘थिंक इंडिया थिंक रिटेल 2024’ रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल शॉपिंग मॉल्स में खाली स्पेस 59 प्रतिशत बढ़कर 1.33 करोड़ वर्ग फीट हो गई, जिससे 6,700 करोड़ रुपए यानी 79.8 करोड़ डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है।

263 मॉल रह गए

निवेशक अब मॉल में कमर्शियल स्पेस खरीदने की बजाय प्रीमियम प्रॉपर्टीज में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं, इसलिए मॉल्स को किराएदार नहीं मिल पा रहे हैं। 2023 में 64 शॉपिंग मॉल को ‘घोस्ट शॉपिंग सेंटर’ के रूप में वर्गीकृत किया गया। ‘घोस्ट शॉपिंग सेंटर’ से तात्पर्य उन मॉल से है जो 40 प्रतिशत से अधिक खाली हैं। सबसे अधिक 21 वीरन मॉल दिल्ली-एनसीआर में हैं। बेंगलूरु में ऐसे 12 और मुंबई में 10 मॉल्स हैं। 2023 में 8 नए शॉपिंग मॉल खुलने के बावजूद 2022 के मुकाबले इनकी संख्या घटी है। 2023 में इन 8 मेट्रो सिटीज में शॉपिंग सेटर्स की संख्या घटकर 263 रह गई, क्योंकि पिछले वर्ष 16 शॉपिंग मॉल्स बंद हो गए।

कहां कितना स्पेस खाली

शहर घोस्ट मॉल खाली एरिया इजाफा
एनसीआर 21 53 58 प्रतिशत
मुंबई 10 21 86 प्रतिशत
बेंगलूरु 12 20 46 प्रतिशत
अहमदाबाद 04 11 191 प्रतिशत
कोलकाता 06 11 237 प्रतिशत
हैदराबाद 05 09 -19 प्रतिशत
पुणे 03 4.5 35 प्रतिशत
चेन्नई 03 04 11 प्रतिशत
(खाली एरिया लाख वर्ग फीट में, २०२२ के मुकाबले 2023 में इजाफा)

छोटे शहरों के मॉल भी वीरान

शहर खाली स्पेस
लखनऊ 57
कोच्चि 23
जयपुर 21
इंदौर 20
कोझीकोड 17
भोपाल 13
रायपुर 12
(खाली एरिया लाख वर्ग फीट में)

शॉपिंग मॉल्स में इनके रिटेल आउटलेट्स

श्रेणी हिस्सेदारी
अपैरल 33 प्रतिशत
फूड-बेवरेज 16 प्रतिशत
एसेसरीज 13 प्रतिशत
फुटवियर 08 प्रतिशत
ब्यूटी प्रोडक्ट 08 प्रतिशत
इलेक्ट्रॉनिक्स 05 प्रतिशत
एंटरटेनमेंट 03 प्रतिशत
अन्य 14 प्रतिशत

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