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Tourism Day: प्रकृति से है प्यार तो घूम आईए भारत की ये 5 अननोन ट्रेवल डेस्टिनेशन, विदेश जाना भूल जाएंगे आप

आज 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस है। भारत में टूरिज्म को बढ़ावा देने और भारतीय पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल 25 जनवरी को पर्यटन दिवस मनाया जाता है। इस खास मौके पर हम आपको भारत के उन पांच पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जो प्रकृति की गोद में बसे होने के साथ-साथ अभी तक बहुत अधिक चर्चित नहीं हुए हैं।

Jan 25, 2023 / 01:04 pm

Prabhanshu Ranjan

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मौलिन्नोंग, मेघालय-
मौलिन्नोंग (Mawlynnong) भारत के मेघालय राज्य की खासी हिल्स जिले में स्थित एक गांव है। लेकिन यहां की खूबसूरती और स्वच्छता देखने लायक है। हरियाली से घिरा रहने वाला ये गांव इतना साफ है कि इसे 'भगवान का बगीचा' भी कहा जाता है। इसे एशिया का सबसे साफ गांव होने का अवॉर्ड भी मिल चुका है पर बहुत कम लोग जानते हैं कि ये एक ट्रेवल डेस्टिनेशन के रूप में भी विकसित हो रहा है। यहां लकड़ियों औ जड़ों से बने घर व पुल आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे। यहां नदी का पानी इतना साफ है कि तल में पड़े पत्थर तक बिल्कुल साफ नजर आते हैं।

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कांताल हिल स्टेशन, उत्तराखंड-
यूं तो उत्तराखंड में कई टूरिस्ट प्लेस है। जहां हर साल करोड़ों की संख्या में सैलानी पहुंचते हैं। लेकिन कई बार अधिक भीड़-भाड़ के कारण लोगों को परेशान भी होना पड़ता है। ऐसे में उत्तराखंड का कांताल हिल स्टेशन प्रकृति की गोद में बसा वो जगह है, जहां कम भीड़भाड़ होती है और आप अपने परिवार या पार्टन के साथ यहां बर्फीली वादियों के बीच सुकून के पल बिता सकते हैं। कानाताल समुद्र तल से 8500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां आपको ऐसा लगेगा कि आप बादलों के बीच हैं।

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गुरेज वैली, कश्मीर-
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में भी टूरिस्ट प्लेसों की भरमार है। लेकिन यहां के फेमस ट्रेवल डेस्टिनेशनों पर भीड़-भाड़ की समस्या है। श्रीनगर, गुलमर्ग, सोनमर्ग जैसे जगहों पर हमेशा भीड़ मिलती है। लेकिन कश्मीर की गुरेज वैली जन्नत का एक अहम हिस्सा है, जिसके बारे में लोगों ने कम ही सुना होगा। गुरेज वैली श्रीनगर से लगभग 123 किलोमीटर की दूरी पर है। चारों तरफ से बर्फ से ढंकी रहने वाली ये घाटी समुद्र तल से 8,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। ये घाटी साल में 6 महीने ही आने-जाने के लिए खुली होती है क्योंकि बाकी वक्त यहां बर्फ होती है।

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भीमबांध बिहार-
भीमबांध बिहार के जमुई और मुंगेर जिले की सीमा पर पड़ता है। जंगल और नक्सली इलाका होने के कारण यहां बाहर के पयर्टक बहुत कम संख्या में पहुंचते हैं। भीमबांध में गर्म जल की धाराएं है। प्राकृतिक रूप से बहने वाली इन धाराओं का पानी हमेशा गर्म होता है। जंगल के भीतर करीब 14 किलोमीटर जाने के बाद भीमबांध आता है। जहां शहर की भागती-दौड़ती जिंदगी को भूलकर सुकून के पल बीता सकते हैं।

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पीलीभीत चूका बीच-
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में स्थित चुका बीच इन दिनों टूरिज्म के क्षेत्र में काफी तेजी से बढ़ रहा है। इसे गोवा का दूसरा रूप भी कहा जाता है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व क्षेत्र में स्थित यह बीच यूपी का भी है एकलौता बीच है। जहां कपल्स अक्सर हनीमून मनाने के लिए जाते हैं। चूका बीच पर नेपाल से आ रही शारदा नहर यहां आकर मिलती है। इस जगह पर इतनी शांति है कि पानी की कल-कल आवाज लोगों के कानों को बेहद सुकून पहुंचाती है। किनारों पर समंदर के बीच दिखता रेत का मैदान लोगों को बेहद आकर्षित करता है, कपल्स के लिए ये जगह किसी गोवा से कम नहीं है।

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