चांद पर भूकंप
चंद्रयान-3 के पेलोड आईएलएसए ने 26 अगस्त 2023 को चंद्रमा की सतह हिलाने वाली कोई चीज रिकॉर्ड की। अब इसरो यह पता लगाने में जुटा हुआ है कि चांद की सतह किस कारण कांपती है। विक्रम लैंडर को चांद की सतह पर सबसे हल्के और मामूली सतही कंपन को रिकॉर्ड करने के लिए लूनर सिस्मिक एक्टिविटी यानी आईएलएसए सिस्टम से लैस किया गया है।
उम्मीदों से ज्यादा गर्म
हमेशा चांद को शीतलता का प्रतीक बताया गया। चंद्रयान-3 के पेलोड चंद्राज सरफेस थर्मोफिजिकल एक्सपेरिमेंट (ChaSTE) ने 27 अगस्त को पता लगाया कि चांद सभी की उम्मीदों से कहीं ज्यादा गर्म है। इस पेलोड ने चांद की सतह के नीचे थर्मल बिहेवियर को मापा। सूर्य की किरणों से चमकने और गर्माहट पाने वाले चांद की सतह का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस था। बर्फीली सतह के महज आठ सेमी नीचे का तापमान माइनस 10 डिग्री सेल्सियस तक गिरा हुआ था। इसरो के वैज्ञानिकों ने रीडिंग को बताकर सभी को चौंका दिया।
ऑक्सीजन का भंडार
पहली बार भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर बड़ी खोज करने में कामयाब मिली है। प्रज्ञान ने पता लगाया कि चांद पर सल्फर के साथ ही एल्यूमीनियम, लोहा, कैल्शियम, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज समेत कई दूसरे तत्व भी मौजूद हैं। यही नहीं प्रज्ञान ने खोज करके बताया कि चांद पर ऑक्सीजन का प्रचुर भंडार मौजूद है। हालांकि, ये गैसीय रूप में मौजूद नहीं है।
चांद पर सल्फर समेत कई खनिज
चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान ने चांद की ऊबड़-खाबड़ सतह पर रॉक-एंड-रोल करते हुए 28 अगस्त को पता लगाया कि चंद्रमा की सतह में कई खनिज प्रचुर मात्रा में है। रोवर प्रज्ञान में लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी पेलोड लगा हुआ है। ये उपकरण शक्तिशाली लेजर्स का इस्तेमाल करके चट्टानों को प्लाज्मा में तोड़ता है।