एसजीबी: क्या खो देगी आकर्षण?
केंद्र सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) जारी करने के लक्ष्य को 38त्न घटा दिया है। सरकार ने फरवरी में पेश अंतरिम बजट में 29,638 करोड़ रुपए मूल्य के एसजीबी को जारी करने की घोषणा की थी, लेकिन पूर्ण बजट में सरकार ने इस लक्ष्य को घटाकर 18,500 करोड़ रुपए कर दिया है। रिडेम्पशन के बाद वर्ष 2024-25 में केवल 15,000 करोड़ रुपए के सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी होंगे, जबकि 2023-24 में कुल 26,852 करोड़ रुपए से गोल्ड बॉन्ड जारी हुए थे और रिडेम्पशन के बाद यह आंकड़ा 25,352 करोड़ रुपए रहा था। इतने गोल्ड बॉन्ड हुए जारी
वर्ष राशि
2022-23 6,551
2023-24 26,852
2024-25* 29,638
2024-25** 18,500
(राशि करोड़ रुपए में, * अंतरिम बजट में घोषणा, **पूर्ण बजट में घोषणा) ‘पुरानी पेंशन व्यवस्था मुमकिन नहीं’ वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने उन लाखों कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है, जो पुरानी पेंशन व्यवस्था (ओपीएस) की वापसी की उम्मीद लगाए बैठक थे। टीवी सोमनाथन ने कहा, ओपीएस अब वित्तीय रूप से मुमकिन नहीं है और इसे लाना देश के उन नागिरकों के लिए नुकसानदेह होगा, जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि नई पेंशन व्यवस्था (एनपीएस) को लेकर सार्थक बातचीत हुई है, पर काम अभी पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, एनपीएस को लेकर कर्मचारियों का कहना है कि यह शेयर बाजार से जुड़ा है, हमें पेंशन में उतार-चढ़ाव नहीं चाहिए। यह स्पष्ट हो कि कितनी पेंशन मिलेगी। अगर किसी ने पूरी नौकरी यानी 30 साल तक काम नहीं किया है, उसके लिए कुछ न्यूनतम पेंशन तय की जाए।
वर्ष राशि
2022-23 6,551
2023-24 26,852
2024-25* 29,638
2024-25** 18,500
(राशि करोड़ रुपए में, * अंतरिम बजट में घोषणा, **पूर्ण बजट में घोषणा) ‘पुरानी पेंशन व्यवस्था मुमकिन नहीं’ वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने उन लाखों कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है, जो पुरानी पेंशन व्यवस्था (ओपीएस) की वापसी की उम्मीद लगाए बैठक थे। टीवी सोमनाथन ने कहा, ओपीएस अब वित्तीय रूप से मुमकिन नहीं है और इसे लाना देश के उन नागिरकों के लिए नुकसानदेह होगा, जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि नई पेंशन व्यवस्था (एनपीएस) को लेकर सार्थक बातचीत हुई है, पर काम अभी पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, एनपीएस को लेकर कर्मचारियों का कहना है कि यह शेयर बाजार से जुड़ा है, हमें पेंशन में उतार-चढ़ाव नहीं चाहिए। यह स्पष्ट हो कि कितनी पेंशन मिलेगी। अगर किसी ने पूरी नौकरी यानी 30 साल तक काम नहीं किया है, उसके लिए कुछ न्यूनतम पेंशन तय की जाए।
बंद हो सकती है ओल्ड रिजीम वहीं, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बताया कि एक बार नई आयकर व्यवस्था (न्यू रिजीम) को पर्याप्त संख्या में टैक्सपेयर स्वीकार कर लें तो पुरानी आयकर व्यवस्था (ओल्ड रिजीम) को बंद किया जा सकता है। उन्होंने कहा, लोग नई कर व्यवस्था को चुन रहे हैं, उन्हें यह फायदेमंद लग रही है। इसे व्यक्तिगत करदाताओं में 66 प्रतिशत अपना चुके हैं। लोगों को नई कर व्यवस्था में फायदा दिख रहा है। इसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन, एनपीएस और कई अन्य फायदे बढ़ा दिए गए हैं। समय के साथ कभी नई कर व्यवस्था में पर्याप्त संख्या हो सकती है तब हम देखेंगे कि हम पुरानी व्यवस्था का वास्तविक रूप में कैसे ध्यान रखें।
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