ऐसे पकड़े गए आरोपी
मेंगलूरु शहर के पुलिस आयुक्त अनुपम अग्रवाल ने रविवार को बताया कि आरोपियों ने केएसआरटीसी बस स्टैंड के पास एक फर्जी पते का इस्तेमाल किया और अमित नाम से सोनी कैमरे जैसे महंगे सामान का ऑर्डर दिया। डिलीवरी के समय मीना गलत ओटीपी देता था, जिससे डिलीवरी करने वाले व्यक्ति के पास पैकेज वापस लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता था। इस बीच डिलीवरी कर्मियों का ध्यान भटकाकर, गुर्जर कीमती कैमरों से ट्रैकिंग लेबल को कम कीमत वाली वस्तुओं पर बदल देता था। इसलिए डिलीवरी कर्मियों को यह एहसास नहीं होता था कि वह गलत पैकेज वापस ले जा रहा है। दोनों कीमती वस्तुओं को फिर से बेच देते थे। प्रत्येक ऑर्डर के बाद सिम कार्ड बदल लेते थे। उनकी चाल तब उजागर हुई जब उन्होंने एक उच्च मूल्य वाले कैमरे के ऑर्डर को रद्द कर दिया, जिससे ई-कॉमर्स फर्म के वितरण केंद्र पर संदेह पैदा हो गया।
जब्त की इतनी संपत्ति
पुलिस ने दोनों के पास से 11.45 लाख रुपए की संपत्ति जब्त की है। मीना को 18 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद 28 अक्टूबर को मंगलुरु में गुर्जर की गिरफ्तारी हुई। दोनों संदिग्धों पर असम, ओडिशा , महाराष्ट्र और राजस्थान में धोखाधड़ी के अन्य मामले भी दर्ज हैं।