नरसिंहपुर। भारतीय
संघ लोक सेवा आयोग द्वारा घोषित मुख्य परीक्षा के परिणामों में नरसिंहपुर जिले के जोबा ग्राम के कृषक विश्वास परिहार एवं ज्योति परिहार की बेटी तपस्या परिहार ने 23 वां रेंक प्राप्त किया है। वह नरसिंहपुर जिले से चयनित होने वाली पहली महिला आईएएस है। तपस्या के पिता मूल रूप से किसान और सामाजिक कार्यकर्ता है। तपस्या का कहना है कि उनकी सफलता में उनके संयुक्त परिवार का बड़ा योगदान है। उनके चाचा विनायक परिहार ने उन्हें देश की सर्वोच्च सिविल सेवा में सफलता हासिल करने के लिए प्रेरित किया। विनायक ने बताया कि तपस्या का जन्म 22 नवम्बर 1992 को हुआ था। उसने पांचवी तक की पढ़ाई करेली के शिशु
मंदिर से की। उसके बाद केन्द्रीय विद्यालय में पढ़ी। 12 वीं के बाद 5 साल की लॉ की पढ़ाई पुणे से की। केन्द्रीय विद्यालय नरसिंहपुर में वह 10 वीं व 12 वी की परीक्षा में स्कूल टॉपर रही। उसे पहले ही प्रयास में सफलता हासिल हुई है। एक साल से वह दिल्ली में रहकर ही प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रही थी। माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश से जिन प्रतिभागियों का चयन हुआ है उसमें तपस्या ने सबसे ज्यादा अंक हासिल किए हैं। तपस्या की दादी देवकुंवर परिहार नरसिंहपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष रहीं हैं। तपस्या के पिता विश्वास जिले के सबसे बड़े लेंडलार्ड में गिने जाते हैं, और जिले के प्रगतिशील व समृद्ध किसान हैं। विश्वास का कहना है कि वे अपनी बेटी की सफलता से अभिभूत हैं और उसने यह साबित किया है कि जिले के किसान की बेटियां किसी से कम नहीं है। तपस्या ने बताया कि उसने टापिक्स के हिसाब से परीक्षा की तैयारी की और औसतन 8 से10 घंटे पढ़ाई की। उसका आप्शनल विषय लॉ था। उसकी हॉबी हार्स राइडिंग, एक्टिंग, मोटीवेशन स्पीच और ड्राइंग हैं। एक सिविल सेवक के रूप में वे ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में अपना योगदान देना चाहेंगी। वे ग्रामीण भारत के विकास का सपना देखती हैं।
उल्लेखनीय है कि परीक्षा के मेरिट लिस्ट में कुल 990 लोगों को स्थान मिला है। जिसमें 476 सामान्य श्रेणी के 275 पिछड़े वर्ग केए 165 अनुसूचित जाति और 74 अनुसूचित जनजाति के हैं।