गाडरवारा। नगर का इकलौता शक्ति माता का मंदिर पलोटनगंज स्थित शक्तिधाम मंदिर है। लाखों रुपए की लागत से श्रीयंत्र के गुंबद वाले आकार में भव्य मंदिर का निर्माण लगभग हो चुका है। बताया जाता है कि मंदिर में विराजित करने जनसहयोग से लगभग 15 लाख रुपए की लागत से राजस्थान के जयपुर से मां की विशाल मनमोहक प्रतिमा लाकर स्थापित की जाएगी। वर्तमान में मंदिर की प्राचीन प्रतिमाएं सिंहवाहिनी माता एवं शक्तिमाता की प्रतिमाएं मंदिर के पीछे स्थित चबूतरे पर विरामान हैं। शक्तिमाता के मंदिर शक्तिधाम में प्रतिदिन श्रद्धालुओं द्वारा आरती पूजन अर्चन किया जाता है। वहीं नवरात्रि के अवसर पर यहां की छटा निराली रहती है। मातारानी को जल ढारने सुबह से से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। वहीं शाम को दीपदान करने मानो होड़ सी लगी रहती है। बरसों पूर्व से शक्तिधाम चौराहे पर पेड़ के नीचे मढिय़ा में मां की प्राचीन प्रतिमाएं स्थापित थीं। बाद में जनसहयोग से एक भव्य मंदिर बनाने का संकल्प लेकर प्रतिमाओं को वर्तमान चबूतरे पर प्रतिस्थापित किया गया है। परिसर में दानदाताओं द्वारा स्थापित बैंचों पर अनेक लोग बैठे रहते हैं। शक्ति माता के जयकारे रोजाना यहीं लगते हैं। जिनसे श्रद्धालुओं के मन में एक नई शक्ति स्फू र्ति एवं भक्तिभाव का संचार होता है। यहां प्रतिवर्ष शारदेय नवरात्रि पर दुर्गा प्रतिमा एवं जवारों की स्थापना की जाती है। इस दौरान अनेक प्रकार के कार्यक्रम रोजाना संचालित होते हैं। जिनमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु उत्साह से भाग लेते हैं। ज्ञात रहे कि निर्माण कार्य पूरा होने के बाद संभवत: यह तहसील का सबसे भव्य एवं विशाल देवी मंदिर होगा। प्रमुख सार्वजनिक स्थल बना शक्तिधाम शक्तिधाम मंदिर न केवल धार्मिक आस्था वरन अनेक प्रकार के सार्वजनिक आयोजनों का केंद्र बिंदु है। यहां परिसर में दानदाताओं द्वारा सीमेंट की बैंचें लगवाई गई हैं। वहीं चबूतरा बना हुआ है जिस पर दिन भर एवं शाम को अनेकों लोग बैठते हैं। नगर में होने वाले सामाजिक, राजनैतिक, प्रशासनिक आयोजनों का प्रमुख स्थान यही है। बीते दिनों यहीं किसान संघर्ष समिति के लोग आंदोलन पर बैठे थे। इसके अलावा समीपी गांवों की यात्रा करने वाले ग्रामीण मंदिर के चबूतरे एवं परिसर की बैंचों पर बैठ कर वाहनों का इंतजार करते रहते हैं।