10 दिन में भी नहीं मिल रही रिपोर्ट, बढ़ता जा रहा मौत का ग्राफ
अस्पतालों की क्षमता से ज्यादा मरीजों के आने और डॉक्टर व नर्सों का स्टाफ कम होने से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। दूसरी ओर हर दिन 10 से 12 मौतों का सिलसिला जारी है।


नरसिंहपुर. कोरोना के बढ़ते मरीजों की वजह से जांच से लेकर भर्ती कराने और उपचार तक की सारी व्यवस्थाएं अब कम पडऩे लगी हैं। अस्पतालों की क्षमता से ज्यादा मरीजों के आने और डॉक्टर व नर्सों का स्टाफ कम होने से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। दूसरी ओर हर दिन 10 से 12 मौतों का सिलसिला जारी है। कोरोना की जांच करने वाले स्टाफ के भी संक्रमण की चपेट में आने से सेंपलिंग का काम भी प्रभावित हो रहा है। हालात यह हो गए हैं कि करेली में १० दिन बाद भी लोगों को कोरोना की रिपोर्ट नहीं मिल रही तो दूसरी ओर रिपोर्ट के इंतजार में कोरोना संदिग्ध मरीज के परिजन और उसके संपर्क में आने वाले अन्य लोग भी संक्रमण का शिकार होते जा रहे हैं। तहसील मुख्यालय से लेकर जिला अस्पताल तक मरीजों को भर्ती करने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उपचार न मिलने से मरीज दम तोड़ रहे हैं।
मरीज को नहीं मिला उपचार रास्ते में तोड़ दिया दम, खेत में किया दाह संस्कार
गोटेगांव. ग्राम पंचायत बुढैना निवासी कोरोना मरीज ३८ वर्षीय कमलेश पटैल को उपचार न मिलने से उसने दम तोड़ दिया। उसका अंतिम संस्कार स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने कोरोना प्रोटोकाल के तहत गांव में एक खेत में कराया । परिवार के सदस्यों ने बताया कि कमलेश पटैल की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन ने उसे गांव में ही उसके घर में ही होम आइसलेट कर दिया था। शुक्रवार को उसकी हालत बिगड़ी तो उसे जिला अस्पताल भर्ती करने के लिए ले गए पर वहां उसे भर्ती नहीं किया गया। इस बीच रात को अचानक फिर उसकी तबीयत बिगड़ी तो उसे एक वाहन से चरगुंवा मार्ग से जबलपुर ले जाया गया। जबलपुर पहुंचने से पहले ही उसने रास्ते में दम तोड़ दिया। जिसके बाद उसे वापस घर लाया गया। ग्राम पंचायत के माध्यम से इसकी जानकारी अधिकारियों को दी गई जिसके बाद पुलिस एवं राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। शव वाहन में ही रखा हुआ था। पुलिस ने परिवार के दो सदस्यों को कोरोना प्रोटोकाल के तहत किट पहना कर अंतिम संस्कार की कार्रवाई अपने सामने कराई। एक खेत में शव का अंतिम संस्कार किया गया। तेंदूखेड़ा में शनिवार को दो लोगों की कोरोना से मौत हो गई। दोनों जिला अस्पताल में भर्ती थे।
१० दिन बाद भी नहीं मिली रिपोर्ट
कोरोना की जांच और उसकी रिपोर्ट को लेकर अव्यवस्था इस हद तक है कि करेली में लोगों को १० दिन में भी रिपोर्ट नहीं मिली। यहां ७ अप्रेल को कई लोगों के कोरोना जांच के लिए सेंपल लिए गए थे। १७ अप्रेल तक उनकी जांच रिपोर्ट नहीं मिली। यदि वे कोरोना संक्रमित हैं तो इस बीच उनके संपर्क में आने से कई दूसरे लोगों को भी संक्रमण फैलने का खतरा बनाा हुआ है।
सेम्पल लेने वाले पॉजिटिव
दूसरी ओर कोरोना सेम्पल लेेने वाले कर्मचारियों पर भी कोरोना का संकट मंडरा रहा है। सेंपलिंग में लगे जिला अस्पताल के ४ कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं जिसकी वजह से सेम्पल कार्य प्रभावित हो रहा है। अस्पताल प्रबंधन को दूसरे कर्मचारियों की व्यवस्था करनी पड़ रही है।
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