नरसिंहपुर/करेली-अहिंसा के सर्वश्रेष्ठ साधक आचार्य विद्यासागर महाराज का 52 वां मुनि दीक्षा दिवस करेली सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा मुनि विमल सागर महाराज के ससंघ सान्निध्य में स्थानीय जैन मंदिर सुभाष मैदान में समारोहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर 52 सौधर्म इंद्र,52 कुबेर,महायज्ञ नायक की समुपस्थिति में विशेष द्रव्यों से आचार्य जी की पूजन एवं आचार्य छत्तीसी विधान हुआ। दोपहर में हरियाली महोत्सव के तहत वृक्षारोपण किया गया। आचार्यश्री की 52 दीपों से भव्य महाआरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भक्तिमय आयोजन हुआ । लोगों ने भक्ति भाव से नृत्य करके हर्षोल्लास पूर्वक यह महोत्सव मनाया। इस कार्यक्रम में पंचायत कमेटी़,नवयुवक मंडल,महिला मंडल,बालिका मंडल पाठशाला परिवार का विशेष सहयोग रहा। मुनिभावसागर महाराज द्वारा रचित आचार्य विद्यासागर महाराज की आरती की गई। इस अवसर पर धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि विमल सागर ने कहा कि गुरुजी जगत के कल्याण की भावना धारण करते हैं। साधु जब अपने से बाहर आते हैं तो अपने वालों के साथ हो जाते हैं। उन्होनें कहा कि गुरुदेव की भक्ति हमेशा अच्छे से करते रहना क्योंकि गुरु भक्ति और संयम के माध्यम से सब कुछ हो जाता है। आचार्य विद्यासागर के मुनि दीक्षा दिवस पर दोपहर में धर्म सभा सम्पन्न हुई। जिसमें भाव सागर ने आचार्यश्री की भावना को बेहद खूबसूरती से भक्तों को बताया कि आचार्यश्री सारे संसार की भलाई की भावना रखते हैं। मुनि अचल सागर महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बुंदेलखंड के भगवन आचार्य श्री गुरुदेव पर भी कम उपसर्ग नही आये। इसके बावजूद उन्होंने आगम को ही उपचार बनाया। आगे उन्होंने कहा कि नेतृत्व करने का वही सबसे बड़ा अधिकारी है। जिसके पास क्षमता,समता और ममता ये तीनों गुण हों। वहीं मुनि अनंत सागर महाराज ने आचार्यश्री के कई संस्मरणों पर प्रकाश डालते हुए आचार्यश्री के कई वृतांत श्रद्धालुओं को बताए।