मुख्य परियोजना महाप्रबंधक प्रदीप्त कुमार मिश्रा के अनुसार एक मार्च को ही नई इकाई ने काम करना शुरू कर दिया है। वर्तमान में दूसरी इकाई पूरी क्षमता के साथ विद्युत उत्पादन कर रही है। दोनों इकाईयों से होने वाले उत्पादन से मध्यप्रदेश को 50 फीसद बिजली आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने बताया कि जल्द ही वैगन टिपलर की शुरुआत की जाएगी, जिससे संयंत्र में कोयला उतारने की प्रक्रिया की गति मिलेगी।
उन्होंने बताया कि परियोजना से जुड़े गांवों के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में संस्था काम कर रही है। बताया कि प्लांट से निकले वाली सूखी राख राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को दी जाएगी। इस संबंध में द्विपक्षीय वार्ता हो चुकी है। इससे जहां राख का समुचित उपयोग भी हो जाएगा और पर्यावरण को भी कोई क्षति नहीं होगी। मुख्य परियोजना महाप्रबंधक ने बताया है कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर भी जोर दिया जा रहा है। इसके लिए जल्द ही कदम उठाए जाएंगे।
मिश्र के अनुसार परियोजना से जुड़े गांवों के युवाओ को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी तेजी से काम हो रहा है। साथ ही महिला सशक्तीकरण व बालिका शिक्षा के लिए एनटीपीसी विशेष प्रयास करने वाली है।