नरसिंहपुर

नर्मदा-हिरन नदी के संगम पर बने मंदिर का अनोखा रहेगा इतिहास

अक्षय तृतीया पर दीक्षा लेते आद्य शंकराचार्य प्रतिमा की होगी प्राण प्रतिष्ठा

नरसिंहपुरMay 04, 2019 / 11:39 pm

narendra shrivastava

Narmada-Hiran nadi ke sangam par bane mandir ka anokha rahega etihas

गोटेगांव। एक साल पहले ज्योतिष एवं द्वारका शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने हिरन और नर्मदा के संगम स्थल पर मौजूद गोविन्द पादाचार्य की गुफा के पास भव्य मंदिर बना कर आद्य शंकराचार्य से दीक्षा लेते हुए प्रतिमा स्थापित करने का जो संकल्प लिया था वह अक्षय तृतीया को पूरा होने जा रहा है।
शंकराचार्य के निज सचिव ब्रहा्रचारी सुबुद्धानंद ने बताया कि शंकराचार्य के संकल्प के अनुसार यहां पर भव्य मंदिर के साथ भक्तों को रुकने के लिए कमरों का निर्माण कार्य किया गया है और आगे भी किया जाएगा। यहां पर शंकराचार्य के रूकने के लिए कक्ष तैयार किया गया है ताकि नर्मदा तट पर शंकराचार्य रूक कर भक्तों को धर्म का संदेश दे सकें।
इन्होंने बताया कि शंकराचार्य एकात्मक यात्रा के जरीए राज्य सरकार ने भक्तों को गुमराह करने के लिए आद्य शंकराचार्य की प्रतिमा ओंकारेश्वर में लगाने का प्रचार किया था। उसी समय शंकराचार्य ने कहा था कि जो आद्य शंकराचार्य की वास्तविक दीक्षा स्थली है उस स्थल पर भव्य मंदिर बनाया जाएगा और उन्होंने २८ जनवरी २०१८ को गुरू गुफा के पास मंदिर निर्माण का भूमि पूजन कार्यक्रम किया था एक साल में ही भव्य मंदिर निर्माण हो गया है।
ज्योतिषीयों का कहना है कि अक्षय तृतीया को जो मुहूर्त आ रहा है वह दो हजार साल पहले आया था। इस शुभ मुहूर्त में सांकल घाट स्थल पर बने मंदिर में शंकराचार्य के माध्यम से मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। यह आयोजन पीठ पंडित रविशंकर शास्त्री के माध्यम से सम्पन्न होगा इसके यजमान सौमेश्वर परसाई होंगे। आद्य शंकराचार्य की मूर्ति निर्मित हो कर पहुंच गई है। ७ मई को प्राण प्रतिष्ठा करके भक्तों के दर्शन के लिए गर्भ गृह को खोल दिया जाएगा।

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