इस केवलारी ग्राम में पक्की सड़क नहीं। रास्ते के नाम पर आज भी पुराने जमाने की पगडंडिया ही हैं। ऐसे में कोई गंभीर मरीज हो तो घर के समीप तक पहुंच कर भी स्वास्थ्यकर्मी कुछ नहीं कर सकते। मरीज को पैदल या गोद से ही लाना होता है। ऐसा हुआ जब केवलारी गांव की एक प्रसूता को अस्पताल तक ले जाने के लिए एंबुलेंस तो पहुंची पर प्रसूता को प्रसव पीड़ा के दौरान भी परिवार के लोग किसी तरह से सहारा दे कर एंबुलेंस तक लाए। नतीजा ये कि महिला के एंबुलेंस में सुलाते ही प्रसव पीड़ा तेज हो गई नतीजतन एंबुलेंस में ही प्रसव कराना पड़ा।
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि गोटेगांव जनपद क्षेत्र के तहत आने वाले ग्राम केवलारी निवासी 25 वर्षीय रश्मि पति शंकर ठाकुर को प्रसव के लिए स्वास्थ्य केंद्र ले जाना था। इसके लिए परिजनों ने 108 नंबर पर फोन कर एंबुलेंस बुलाई। एंबुलेंस गांव तक तो पहुंच गई पर प्रसूता के घर तक नहीं जा सकी, क्योंकि वहां तक जाने को समतल रास्ता नहीं है। ऐसे में एंबुलेंस को घर से दूर रोकना पड़ा। एंबुलेंस को रोक कर ईएमटी श्रद्धेश साहू, पायलट रचित मोहन दुबे स्टेचर लेकर ग्रामीण के घर पहुंचे और प्रसूता को परिजनों के सहयोग से किसी तरह से स्टेचर पर लिटा कर एंबुलेंस तक लाए। एंबुलेंस में प्रसूता को लिटाने के बाद जैसे ही एंबुलेंस आगे बढ़ी प्रसूता प्रसव पीड़ा से कराहने लगी। ऐसे में ईएमटी ने प्रसूता के स्वजनों की सहमति से वाहन में ही प्रसव कराया। हालांकि ईएमटी श्रद्धेश का कहना है कि जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं। दोनों को बरहटा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।