तीसरे बच्चे जैसा पाला है उसे
चित्रा चक्रवर्ती ने बताया कि मेरे दो बच्चे हैं। बेटा अजय फ्रांस में होटल मैनेजमेंट एवं बेटी आयुषी भोपाल में एमबीए की पढाई कर रही है। उन्होंने तोते को तीसरे बच्चे की तरह पाला था। उसे समय से पाला था जब वह 20-25 दिन का था। अब दो साल का हो गया है। तोता बाबू, लाड़ो, सोना, बेबी नाम बोलकर ही बात करता था। तीन मंजिल मकान में पिंजरे के बजाए खुले में रही परिवार के सदस्य के रूप में रहता था। इतना सीख गया था कि मां-मां इधर आओ, बच्ची छुटकी का नाम भी लेता था। छोटे बच्चों के साथ बहुत खेलता था। जैसे ही उसका नाम लो तो वह तुरंत ही सिर हिलाकर देखकर पास आ जाता था। कहीं गोद में तो कहीं कंधे पर बैठ जाता था। खूब बातें करता था। तोते के विरह में व्यथित चित्रा कहती हैं कि उसके चले जाने से वह खुद माफ नहीं कर पा रहीं हैं। जब भी किसी बात से नाराज हो जाता था तो बच्चों जैसे मनाना पड़ता था।
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सीने से लगा और उड़ गया
चित्रा ने बताया कि मकान की छत पर जब वह काम कर रहीं थी उस समय शाम के करीब 5.34 वह अचानक नाराज होकर उड़ गया और मालवीय हॉस्पिटल के पास के मोबाइल टॉवर पर जाकर बैठ गया था। इसके बाद वह ओझल हो गया। अभी तक न तो मिला और वापस घर लौटा है। वह बिना पिंजरे के खुले तौर पर ही रहता था। चित्रा कहती हैं कि तोता भी उनका मां की तरह बहुत ख्याल रखता था। उम्मीद ही नहीं विश्वास है वह वापस मिल जाएगा। वहीं तोते के खो जाने और मां के तोते की याद में उदास रहने पर भोपाल में रहकर पढ़ाई करने वाली उनकी बेटी ने भी सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर तोते को ढूंढने और उसे वापस देने की मांग की है।
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