नर्मदापुरम के पवारखेड़ा स्थित मुख्य गन्ना अनुसंधान केंद्र में तैयार गन्ने के बीज (कोजेएन 9505) किसानों के जीवन में मिठास घोलने वाला है। इस बीज से किसानों को सीधा और मोटा गन्ना मिलेगा। उत्पादन भी 1100 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक ले सकेंगे। मप्र कृषि विभाग ने किसानों के लिए बीज रिलीज कर दिया है। अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने गन्ने की चार वैरायटी ढूंढ़ी है। इसमें सर्वाधिक उत्पादन देने वाला बीज (कोजेएन 86/600) है। इस बीज से उत्पादन अधिक मिलता था, पर समय अधिक लगता था।
गन्ना बीज की मप्र में 10 उत्तम प्रजातियां हैं, जिसमें से चार अनुसंधान केंद्र जवाहर लाल नेहरू कृषि विवि आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र पवारखेड़ा, में विकसित की गईं हैं। इस वर्ष तैयार बीज कोजेएन 9505 में 22% शकर मिलेगी। इससे 10 से 14 माह में 100 से 110 टन गन्ना उत्पादन होगा।
नरसिंहपुर में 50 प्रतिशत रकबा
प्रदेश में प्रमुख गन्ना उत्पादक नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, बैतूल व दतिया हैं। अभी कुल गन्ना उत्पादन का 50% रकबा नरसिंहपुर जिले में है। कृषि विभाग के उपसंचालक जेआर हेडाऊ ने बताया, बनखेड़ी में 4500 हेक्टेयर रकबे में गन्ने का उत्पादन किसान कर रहे हैं।
अनुसंधान केंद्र में अब तक तैयार बीज
किस्म शकर (प्रतिशत में) अवधि (माह) उपज (टन/हेक्टेयर)
कोजेएन 86/141 ——22%—– 12 ———90 से 110
कोजेएन 9823 ———20%—–12———- 100 से 110
कोजेएन 86/600 ——23%—–14——— 110 से 130
कोजेएन 9505———- 22% —– 10——– 100 से 110
गन्ना बीज की नई वैरायटी किसानों के लिए स्टेट से रिलीज हो चुकी है। इस बीज का गन्ना सीधा और मोटा होगा। इससे किसानों को कम समय में अधिक उत्पादन मिलेगा।
-ऑस्कर टोपो, वैज्ञानिक, मुख्य बीज गन्ना अनुसंधान केंद्र