इस मामले में सोहागपुर के ब्रजेश साहू ने कलेक्टर, जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत सीइओ से जुलाई एवं अगस्त में अलग-अलग शिकायत की थी। जिसमें उइके को गलत आवास आवंटन और उसके बिल जमा नहीं करने का आरोप लगाया था। शिकायत के बाद उइके ने इसी माह आवास खाली कर जनपद पंचायत को अधिपत्य सौंप दिया था। वह वर्ष 2009 से शासकीय आवास में रह रही थी। सीइओ सूर्यवंशी ने बताया कि नोटिस में उइके से दिसंबर 2010 से अगस्त 2019 तक का किराया एक लाख 88 हजार 600 रुपए एक सप्ताह में जमा करने का कहा गया है। यदि राशि तय समय में जमा नहीं की गई तो भू-राजस्व से राशि वसूली की वैधानिक कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।
इधर पूर्व अध्यक्ष के परिजनों का कहना है कि वे एक साल से आवास में नहीं रह रहे हैं और इसकी चाबी जनपद पंचायत को सौंप चुके हैं। शिकायतकर्ता ब्रजेश साहू का कहना है कि मैंने जुलाई 2019 में जपं सोहागपुर को आवास खाली कराने व वसूली का आवेदन दिया था। कार्रवाई न होने पर 13 अगस्त को जिपं सीईओ व कलेक्टर को शिकायत की थी।