पात्र नागरिकों के आयुष्मान कार्ड बनाने का काम जारी है। सोहागपुर की स्थिति जिले में अच्छी है। लेकिन लक्ष्य प्राप्ति के मामले में श्रेष्ठ स्थान पर पहुंचने स्थानीय प्रशासन रात्रि में भी गांवों में पहुंचकर आयुष्मान कार्ड बना रहा है। विशेष रूप से मजदूर वर्ग के आदिवासी दिन में उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। अत: रात में प्रशासनिक अधिकारी संपूर्ण सामग्री लेकर गांव पहुंच रहे हैं, जहां मैदानी अमले के सहयोग से आधी रात तक शिविर लगाकर कार्ड बनाए जा रहे हैं। सोहागपुर एसडीएम अखिल राठौर, तहसीलदार अलका एक्का, जनपद सीईओ श्रीराम सोनी व बीएमओ डॉ. रेखा सिंह गौर ने बताया मुख्य रूप से आदिवासी क्षेत्र में मजदूरों की संख्या अधिक है, जिनके कार्ड नहीं बन पाए हैं। आदिवासी वर्ग के नागरिक दिन में मजदूरी पर चले जाते हैं एवं शाम को ही घर वापसी होती है। जिसके चलते दिन में आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पा रही है। अत: स्थानीय प्रशासन ने निर्णय लिया कि रात्रि में आदिवासी गांव में शिविर आयोजित किए जाएंगे।
रात 12 बजे तक चला शिविर
ब्लॉक के आदिवासी ग्राम खापा में गुरुवार शुक्रवार की दरमियानी रात आयुष्मान कार्ड बनाने का शिविर संचालित किया गया। वन विभाग के रेस्ट हाउस में ग्रामीणों की उपस्थिति में रात्रि नौ बजे से शिविर प्रारंभ किया गया। लगभग तीन घंटे में 40 आदिवासियों के कार्ड बनाए गए। इस दौरान सोहागपुर एसडीएम राठौर, जनपद सीईओ सोनी, बीएमओ डॉ. गौर सहित खंड पंचायत अधिकारी बृजेश तिवारी, ग्राम पंचायत सचिव भगवानदास रघुवंशी, शिक्षक राजीव साहू उपस्थित थे। रात 12 बजे तक उपस्थित सभी आदिवासियों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए। रात्रि में ग्राम खापा में पत्रिका प्रतिनिधि ने देखा रात 10 बजे तक अंधेरे के बीच सभी अधिकारियों ने गांव में घर-घर पहुंच कर लोगों को कार्ड बनवाने प्रेरित व जागरूक किया।
10 साल पुराना है डाटा
इधर, आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया में लक्ष्य संख्या के कम होने की भी संभावना है। अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विभागों को जो सूची दी गई है वह 10 वर्ष पुराने सर्वे की है। माना जा रहा है कि सूची में शामिल कई लोगों की मृत्यु हो चुकी होगी या कई लोग पलायन कर क्षेत्र से बाहर कहीं चले गए होंगे। जिसके चलते प्रशासन यह मान रहा है कि सूची में शामिल लोगों में से 60त्न आबादी आयुष्मान कार्ड बनते हैं तो इसे लक्ष्य प्राप्ति के काफी करीब माना जाएगा। स्पष्ट है कि विभागों के पास उपलब्ध सूची के 60त्न लोगों के आयुष्मान कार्ड नहीं बन सकते हैं। तथा इसी कारण से प्रशासन दिन-रात मेहनत करने में जुटा हुआ है।
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27 हजार कार्ड बनने शेष
प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो सोहागपुर ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्र में 27 हजार लोगों के आयुष्मान कार्ड बनना शेष हैं। रिपोर्ट मिलते ही प्रशासन में हडक़ंप मच गया कि कुछ ही दिन शिविर संचालन ओं के लिए बचे हैं एवं इतनी बड़ी संख्या तक पहुंचना मुश्किल लग रहा है। जिसके चलते प्रशासन ने निर्णय लिया कि दिन सहित रात्रि में भी ग्रामों में शिविर लगाए जाएंगे। जिन ग्रामों में आयुष्मान कार्ड से वंचित लोगों की संख्या अधिक है, वहां पर प्रशासन का अधिक फोकस है। मैदानी अमले को सख्त निर्देश हैं कि लगातार ग्रामीणों से संपर्क कर उन्हें आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए शिविर स्थलों तक लेकर आएं। संभव है कि आगामी दो से तीन दिन मैदानी अमले को अपने ग्राम मुख्यालय में ही रहकर लक्ष्य प्राप्ति के लिए कार्य करना होगा।