जानकारी के मुताबिक कायाकल्प के पहले चरण में वार्ड-14 में मालाखेड़ी तिराहा से कुलामढ़ी तक अधूरे पड़े बायपास, वार्ड-17 में नारायण नगर से प्राफेसर कॉलोनी तक 1 करोड़ 10 लाख 14 हजार 490 से सड़क का निर्माण होना था। इसी तरह 1 करोड़ 74 लाख 53 हजार 570 रुपए की लागत से चिन्हित 8 स्थानों पर सीमेंट सड़क का निर्माण होना था।
इसके लिए नगर पालिका ने 30 सितम्बर 2023 को टेंडर बुला लिए थे। दो कंपनियों के टेंडर 10 अक्टूबर 2023 तक खोले जाने थे। आचार संहिता (Code of Conduct) लागू होने के कारण इन सड़कों का निर्माण चुनाव होने तक टल गया है। चुनाव पूर्ण होने के बाद नई सरकार के कार्यकाल मेंं ही टेंडरों को खोला जाएगा। इसके बाद ही सड़कों का निर्माण शुरू करने संबंधित कार्य होगा। 17 करोड़ की अृमत टू भी शुरू नहीं हो सकी ठेकेदार कंपनी की लापरवाही के कारण से शहर के अधिकांश वार्डों में लोगों के घर तक नर्मदा जल नहीं पहुंच पाया। इन अधूरे कार्यों को पूर्ण करने के लिए अमृत-टू योजना के तहत 17 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न वार्डों में 6 पेयजल ओवर हेड टैंक, पाइप लाइन का विस्तार होना था।
योजना का काम शुरू नहीं
अभी भी पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। लोगों को उम्मीद थी की जल्द ही उनके घर भी नर्मदा जल पहुंच जाएगा। वर्क आर्डर होने के बाद भी ठेकेदार ने शुरू नहीं किया काम कायाकल्प के प्रथम भाग में जुमेराती काली मंदिर से मंगलवारा घाट तक 7 लाख 80 हजार रुपए की लागत से सड़क का रिन्यूबल कार्य होना था। इसके लिए ठेकेदार एजेंसी को वर्क आर्डर जारी किया गया था, लेकिन एजेंसी ने निर्माण नहीं किया। इसी तरह बालागंज कुंआ से पुरानी सब्जी मंडी तक 36 लाख 88 हजार रुपए की लागत से सड़क का मरम्मत कार्य भी वर्क आर्र्डर होने के बाद शुरू नहीं हो सका।
टॉपिक एक्सपर्ट
आचार संहिता के पहले तक का समय था
आचार संहिता (Code of Conduct) लगने के बाद नए कामों के टेंडर नहीं खोले जा सकते हैं। लोकतंत्र प्रकिया के तहत आमजन या किसानों पर कोई आपदा आ जाए उसे जनजीवन प्रभावित होने लगे तो आयोग अनुमति देता है। टेंडर खोलने आचार संहिता (Code of Conduct) लगने के पहले का समय था। इसमें निविदा खोली जा सकती थी। आचार संहिता (Code of Conduct) के समाप्त होने के बाद तत्काल प्रभाव से इस कार्यों को शुरू करा देना चाहिए।
-मनोज ठाकुर, सेवानिवृत्त अपर कलेक्टर
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