होशंगाबाद रेलवे स्टेशन का नाम नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन किये जाने पर विपक्ष ने सवाल उठाना शुरु कर दिए हैं। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने सरकार की इस तरह नाम बदलने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा है कि, भारतीय जनता पार्टी की संस्कृति है कि, उनका प्रजातंत्र में विश्वास नहीं है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम उन्हें आपत्तिजनक लगते हैं। क्योंकि, भाजपा के जो पुराने लोग हैं, जो हिंदू महासभा और आरएसएस के हैं। वो कभी जेलों में नहीं गए, गए भी हैं तो माफी मांगकर बाहर आ गए। आंदोलनों में उनका कोई योगदान नहीं है। वो पूरी तरह पुरानी राजा महाराजाओ की संस्कृति लाना चाहते हैं। अधिकांश शहरों के नाम राजा महाराजाओं के नाम पर हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन के नाम पर रखे जा रहे हैं। धीरे-धीरे धर्म के नाम पर और अपने अनुयायियों के नाम पर जिनका कोई योगदान नहीं, उनके नाम पर रखे जा रहे हैं। ये शर्मनाक हैं, इसे उचित नहीं समझा जा सकता।
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CM शिवराज ने की थी घोषणा
आपको बता दें कि, 8 फरवरी 2022 को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा जंयती के मौके पर मंच से होशंगाबाद शहर का नाम बदलकर नर्मदापुरम रखा था। इसके बाद दिल्ली से नोटिफिकेशन जारी होने के बाद इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी गई। नए बोर्ड भी लगवाए गए थे, लोग अब नए नाम का ही उपयोग कर रहे हैं। हालांकि, होशंगाबाद शहर का नाम बदलकर नर्मदापुरम रखा गया था। लेकिन, स्टेशन का नाम परिवर्तित नहीं हुआ था। रेलवे स्टेशन पर नर्मदापुरम के बोर्ड जरूर लगा दिए गए थे, लेकिन उसे भी हटा दिया गया था। अब केंद्र से आदेश जारी होने के बाद रेलवे स्टेशन का नाम भी नर्मदापुरम परिवर्तित किया गया है।
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