जानकारी के मुताबिक विकासखंड की 73 ग्राम पंचायतों में से 8 ग्राम पंचायतें मन्याखेड़ी, नौसर, डोलरिया, सिरकम्बा, हाबरस, फुलड़ी, रवांग एवं कचनार में पंचायत भवन नहीं है। पंचायत भवन निर्माण हेतु इन सभी ग्राम पंचायतों द्वारा कुछ महिनों पहले जनपद पंचायत को प्रस्ताव भेजे जा चुके है। लेकिन अभी तक भवन निर्माण के प्रस्तावों को स्वीकृति नहीं मिली है। जबकि गाडामोढ़ खुर्द, मालेगांव, बढ़झिरी, चंद्रखाल, गोदागांव कला, बड़कला, दूधकच्छख् पानतलाई एवं छिदगावमेल ग्राम पंचायत के भवन क्षतिग्रस्त हो रहे है।
भोपाल से एक साथ मिलेगी स्वीकृति-
जनपद पंचायत सीईओ रंजीतसिह ताराम ने बताया कि सभी भवनविहीन ग्राम पंचायतों के निर्माण की स्वीकृति पंचायत ग्रामीण विकास विभाग भोपाल द्वारा एक साथ मिलेगी। क्षतिग्रस्त ग्राम पंचायत भवनों की मरम्मत के लिए आदेश जारी किए गए है। भवन स्वीकृत होने पर पहले उन पंचायतों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनके पास भवन नहीं है। मध्यप्रदेश के पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के इंकरामेट एप पर जिन पंचायतों के पास स्वयं का पंचायत भवन नहीं है, उनकी स्थिति की फोटो इस एप के माध्यम से सचिवों से मांगी गई थी। ग्राम पंचायतों में अधोसंरचना योजना के तहत होने वाले विकास कार्यों की फोटो इसी एप पर अपलोड की जाती है। सचिवों को फोटो अपलोड करने के लिए कहा गया था।
5 साल बाद भी पूर्ण नहीं हुआ पंचायत भवन का निर्माण-
ग्राम पंचायत करताना के शासकीय स्कूल परिसर में राजीव गांधी क्लस्टर भवन, पंचायत भवन का निर्माण कार्य पिछले करीब 5 साल से चल रहा है, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका। जानकारी के अनुसार वर्ष 2012-2013 से पंचायत भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है। अभी भी इस भवन में बिजली फिटिंग व दरवाजे लगना बाकी है। फिलहाल पुताई कार्य चल रहा है। इस भवन का निर्माण कार्य कछुआ गति से चलने से इस वर्ष भी कार्य पूर्ण होने की संभावना नहीं दिख रही है। कार्य की लेतलतीफी विभागीय अधिकारियों की उदासीनता दर्शाती है।
टीवी एवं कम्प्यूटर बने सरपंच, सचिवों के घर की शोभा-
ग्राम पंचायतों को हाईटेक एवं इंटरनेट से जोडऩे के लिए सभी ग्राम पंचायतों को एलईडी, कम्प्यूटर सहित अन्य जरूरी सामान शासन द्वारा प्रदान किए गए थे। लेकिन यह सरपंच, सचिवों के घर की शोभा बड़ा रहे है। यह सामान पंचायतों में दिखाई नहीं देते है। जपं के सीईओ ताराम ने बताया कि ग्राम पंचायत भवनों में चोरी की घटनाएं हो चुकी है। इससे सुरक्षा की दृष्टि से सचिवों ने अपने घर रख लिए होंगे।
इनका कहना है-
पंचायत भवनों के निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। स्वीकृति की प्रक्रिया प्रचलन में है। स्वीकृति मिलने पर निर्माण कराया जाएगा।
रंजीतसिह ताराम, सीईओ, जनपद पंचायत, टिमरनी