बता दें कि 48 घंटे तक अलग-अलग स्थानों में चली मुठभेड़ में ये पांचों नक्सली मारे गए थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मृतकों में राकेश (35) ,कोंडा तोगड़ा (30), एडमा वड्डे (40) ,कमलू वड्डे (40) , फरसा तुमड़ा (30) शामिल है। इन सभी पर 8-8 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
वही माड बचाव अभियान के दौरान नक्सलियों के द्वारा सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के नीयत से 2 आईईडी ब्लास्ट कर सुरक्षा बलों को जान से मारने की नीयत से फायरिंग की गई। इस जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों द्वारा घेराबंदी कर 3 नक्सलियों को हिरासत में लिया, इनमें 2 को घायल होने से जगदलपुर अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती कराया गया है, इनके नाम गोर्रा वड्डे, बुद्धू कुमड़ा और कोसा है।
Narayanpur Naxal Encounter: घमंडी-हिकुलनार के बीच जंगल में हुई थी मुठभेड़
बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस को महाराष्ट्र सीमावर्ती क्षेत्र में नक्सलियों के उपस्थिति की सूचना मिली थी।इस कारण 4 जिलों की सयुंक्त टीम का ऑपरेशन लॉच किया गया था। इससे सुरक्षा बलों की अलग-अलग टीमें अलग-अलग दिशाओं से इलाके में सर्चिंग के लिए रवाना हुई थी। इस दौरान घमंडी एव हिकुलनार के बीच जंगल में सुरक्षा बल एवं नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में पुलिस ने 5 पुरुष वर्दीधारी नक्सलियों के शव बरामद किए है।CG Naxal Attack: यह हथियार हुए बरामद…
घटना स्थल में पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार बरामद किए है। बरामद हथियारों में 303 रायफल 1 नग, 315 बोर रायफल 3 नग, कार्बाइन रायफल 2 नग, (Naxal Encounter) बीजीएल लांचर सहित भारी मात्रा में नक्सली सामग्री भी मिली है।Naxal Encounter: 60 दिनों से चल रहा अभियान
60 दिनों के अंदर नारायणपुर पुलिस के नक्सल विरोधी माड़ बचाओ अभियान को पांचवी बड़ी सफलता मिली है। फोर्स का दावा है कि आने वाले वक्त में जल्द ही बस्तर नक्सलवाद से मुक्त होगा। बीते चा महीनों से नक्सल विरोधी अभियान माड़ बचाओ अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के दौरान ही जवानों को सूचना मिली थी कि नारायणपुर के माड़ डिविजन में बड़े नक्सली बैठक कर रहे हैं। फोर्स ने मौके पर पुहंचकर अभियान चलाया और नक्सलियों को ढेर कर दिया। मुठभेड़ 30 जून को शाम करीब 5 बजे हुई थी। नक्सलियों की कोशिश थी कि जवानों को नुकसान पहुंचाया जाए और हथियार लूट लिए जाएं। यह पिछले कुछ वर्षों में बस्तर में नक्सली आतंकी घटनाओं और हताहतों की संख्या को दर्शाने वाला डेटा चार्ट है, जिसे हिंदी में लेबल किया गया है। यह चार्ट 2018 से 2023 तक घटनाओं और हताहतों की संख्या में गिरावट का रुझान दर्शाता है।