ऐसे में घोर मााओवादी प्रभावित परलभाट गांव के ग्रामीणों ने गुरुवार की सुबह नया नजारा देखा। दृश्य देख ग्रामीण हक्का बक्का रह गए। दरअसल परलभाट गांव में पहली बार ऐसा कुछ नया हुआ जो वाकई देखने लायक था। जब सुबह गांव वालो की आँख खुली दरवाजे के सामने दो (IAS) आईएएस, दो (IFS) आईएफएस व एक (IPS) आईपीएस बिना सुरक्षा के सामने मिले।
Employment News: सरकार से बेरोजगार पा सकते हैं 25 लाख तक की मदद राशि, आठवीं पास भी कर सकते हैं आवेदन… इन अधिकारियों के गांव में एक साथ पहुंचने से ग्रामीणों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा था। अचानक घोर माओवादी (Maoists) प्रभावित क्षेत्र के जंगल में आला अधिकारी एक साथ बीज बोवाई (IAS officer in farm) करने पहुंचे थे।
वही जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने वन विभाग विभाग (Chhattisgarh forest department) की वन एंव वनोत्तर क्षेत्रों में फलदार एंव सब्जी बीज बोवाई का गुरुवार को शुभारंभ किया। जानकारी के अनुसार वन विभाग की वन एंव वनेत्तर क्षेत्रों में फलदार एंव सब्जी बीज बोवाई योजना का शुभारंभ के कार्यक्रम का गुरूवार को घोर माओवादी प्रभावित परलभाट गांव में आयोजित किया गया था।
मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर परलभाट गांव में आयोजित कार्यक्रम में आईएफएस अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक युनूस अली, आईएएस पीएस एल्मा, आईएएस जिला पंचायत सीईओं अमृत विकास तोपनों, आईपीएस एसपी मोहित गर्ग, आईएफएस वन मण्डलाधिकारी स्टाईलो मण्डावी , खोडगांव सरपंच, नगर पालिका अध्यक्ष वेदबती पात्र उपस्थित हुए थे। वन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम ने सभी अतिथियों ने सबसे पहले निजी खेत में सर्व प्रथम फलदार पौधों रोपण करने के बाद बाडी किनारे बरबटी एंव लौकी बीज की बोवाई करते नजर आए।
Chhattisgarh News: सितंबर नहीं उठा पाएंगे ‘आयुष्मान भारत योजना’ का लाभ, पढ़े पूरी खबर इस कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियो ने परलभाट के ग्रामीणों को वन की रक्षा करने के साथ ही सरकार की नरवा, गुरूवा, घुरूवा व बाडी योजना के बारें में विस्तार से जानकारी देकर फलदार पौधे एंव सब्जी की फसल लेने से होने वाले आर्थिक लाभ के बारें में जानकारी दी।
इस कार्यक्रम के बाद दो आईएएस, दो आईएफएस व एक आईपीएस ने बिना सुरक्षा के घोर माओवादी (Naxal) प्रभावित क्षेत्र के जंगल में पहुंचकर आवला एवं जामून बीज से तैयार किए गए बॉल सीडस को जंगल में फेंके। इसके साथ ही सभी अधिकारियों ने वन विभाग के संरक्षित जंगल में जुताई की गई जगह पर सब्जी बीज का छिडक़ाव किया। इससे परलभाट गांव में पहली बार जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को जमावड़ा देखने को मिल रहा था। इससे ग्रामीणों के एक अलग खुशी देखने को मिल रही थी।
ग्रामीणों ने बंया की अपनी व्यथा
जिले के घोर माओवादी प्रभावित परलभाट गुरूवार को पहुंचे जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने ग्रामीणों ने अपनी व्यथा बयां करते हुए कहा कि पहली बार हमारे गांव में इतने सारे अधिकारी लोग एक साथ पहुंचे है। इसके पहले किसी भी एक अधिकारी (Officer) ने पहुंचने की रूचि नहीं दिखाई।
इस लिए हम सभी ग्राम वासी सभी अधिकारियों का हृदय से आभार मानते है। वही ग्रामीणों ने अपनी समस्या कलक्टर पीएस एल्मा के सामने बंया करते हुए कहा कि गांव के ग्रामीणों ने कई बार निजी एवं सामूहिक तालाब खुदाई के लिए आवदेन दिया है। लेकिन इस आवेदन पर कोई कार्रवाही नहीं हुई है।
Chhattisgarh Crime News: भाभी को घर में अकेला देख डोल गई देवर की नियत, रिस्तो को तार- तार कर खेल गया आबरू से… इस बात की जानकारी मिलने पर कलेक्टर (Collector ) ने ग्रामीणों को गांव के सामुहिक वं निजी तालाब का गहरीकरण मनरेगा के तहत करने का आश्वासन दिया। वही अन्य ग्रामीणों परलभाट प्राथमिक शाला पदस्थ शिक्षक को लेकर शिकायत की गई। इस शिकायत में ग्रामीणो ने बताया की प्राथमिक शाला में दो शिक्षक पदस्थ है। इनमें शिक्षक राकेश राणा स्कूल में पहुंचने के लिए कोई रूचि नहीं दिखाते है।
शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद शिक्षक राकेश राणा एक दिन मात्र स्कूल पहुंचे थे। इसके बाद राकेश राणा ने स्कूल पहुंचने में कोई रूचि नहीं दिखाते है। इस लापरवाही के चलते परलभाट प्राथमिक शाला (Primary school in naxal area) में दो शिक्षक होने के बावजूद एक ही शिक्षक अपनी सेवा दे रहा है। इसके साथ ग्रामीणों ने हेडपंप से आयरन युक्त पानी (water facility) निकलने की शिकायत कलक्टर से की थी। इन सभी परेशानियों से कलेक्टर ने निजात दिलाने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया।
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